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जानिए क्या है Crimean-Congo Hemorrhagic Fever, कैसे होता है ये और कितना है खतरनाक

अफ्रीका, एशिया, मिडल ईस्ट और यूरोप के कुछ हिस्सों में ये वायरस पहले से मौजूद है. लेकिन अब इंटरनेशनल ट्रैवल की वजह से इसके दूसरे देशों तक फैलने का खतरा भी बढ़ गया है. CCHF इंसान को गंभीर रूप से बीमार कर सकता है और अगर समय पर इलाज न मिले तो जान भी जा सकती है.

जानिए क्या है Crimean-Congo Hemorrhagic Fever, कैसे होता है ये और कितना है खतरनाक
जानिए क्यों खतरा बन रहा है Crimean-Congo Hemorrhagic Fever.

Crimean-Congo Hemorrhagic Fever: दुनियाभर के कई देशों में फैल रहा एक वायरस हाल ही में चर्चा में है, जिसका नाम है क्राइमिन कॉन्गो हैमरॉजिक फीवर (Crimea-Congo Hemorrhagic Fever) यानी CCHF. ये बीमारी टिक (एक तरह का कीड़ा) के काटने से फैलती है और कई मामलों में जानलेवा साबित होती है.

अफ्रीका, एशिया, मिडल ईस्ट और यूरोप के कुछ हिस्सों में ये वायरस पहले से मौजूद है. लेकिन अब इंटरनेशनल ट्रैवल की वजह से इसके दूसरे देशों तक फैलने का खतरा भी बढ़ गया है. CCHF इंसान को गंभीर रूप से बीमार कर सकता है और अगर समय पर इलाज न मिले तो जान भी जा सकती है.

क्या हैं क्राइमिन कॉन्गो हैमरॉजिक फीवर इसके लक्षण? (Symptoms of Crimean-Congo Hemorrhagic Fever)

इस बीमारी के लक्षण टिक (कीडे) के काटने के 1 से 13 दिन के अंदर दिख सकते हैं. शुरुआत में तेज बुखार, सिरदर्द, मसल्स और पेट में दर्द, नॉजिया, उल्टी और डायरिया हो सकता है. आंखों में जलन या सूजन, स्किन पीली पड़ना, लो ब्लड प्रेशर और फ्लशिंग जैसे लक्षण भी देखने को मिलते हैं. कुछ मरीजों में कुछ दिन बाद नाक से खून आना, मसूड़ों से ब्लीडिंग, स्किन पर गहरे निशान और भारी ब्लीडिंग भी शुरू हो सकती है. कुछ लोगों को माइल्ड लक्षण होते हैं तो कुछ को बिल्कुल भी नहीं.

कैसे फैलता है CCHF?

ये वायरस टिक के काटने से या किसी संक्रमित इंसान या जानवर के बॉडी फ्लूड्स (जैसे ब्लड, थूक, यूरिन, पसीना, स्पर्म, वजाइनल फ्लुइड, मल या श्वास) के संपर्क में आने से फैलता है. यहां तक कि संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने, गले लगने या उनके इस्तेमाल किए टॉवेल जैसी चीजें छूने से भी ये फैल सकता है.

किसे ज्यादा खतरा है?

आमतौर पर ये वायरस जानवरों के पास रहने वाले लोगों जैसे- फार्म वर्कर, वेटरनरी डॉक्टर या स्लॉटरहाउस में काम करने वाले लोगों को संक्रमित करता है. इसके अलावा अगर आप किसी मरीज की केयर कर रहे हैं या ऐसी लैब में काम करते हैं जहां इस वायरस पर स्टडी होती है, तो भी खतरा हो सकता है.

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कौन से जानवर इस वायरस को फैलाते हैं?

गाय, बकरी और भेड़ जैसे जानवर इस वायरस को अपने शरीर में कैरी कर सकते हैं. खास बात ये है कि इस वायरस को कैरी करने के बावजूद ये जानवर खुद बीमार नहीं दिखते. इसलिए ऐसे जानवरों को हैंडल करते वक्त प्रोटेक्टिव कपड़े और इक्विपमेंट पहनना जरूरी है.

कितना खतरनाक है CCHF?

इस बीमारी में कंप्लिकेशन्स बहुत सीरियस हो सकते हैं. जैसे इंटरनल ब्लीडिंग, शॉक, ऑर्गन फेलियर, ब्रेन में ब्लीडिंग और यहां तक कि डेथ. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 30% से 50% मरीजों की जान जा सकती है, खासकर तब जब इंफेक्शन गंभीर किस्म का हो.

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डायग्नोस और इलाज कैसे होता है?

CCHF की पहचान ब्लड टेस्ट से होती है. अगर आपको लगता है कि आपने किसी ऐसे इंसान या जानवर से संपर्क किया है जो संक्रमित हो सकता है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें. वैसे इस बीमारी का कोई सटीक या ठोस इलाज नहीं है. हालांकि, कुछ मामलों में antiviral दवा 'ribavirin' दी जाती है. जरूरत पड़ने पर ब्लड ट्रांसफ्यूजन, ऑक्सीजन सपोर्ट, IV फ्लुइड्स और पेन या नॉजिया कम करने की दवाएं भी दी जा सकती हैं.

सीरियस हालत में क्या करें?

अगर छाती या पेट में तेज दर्द हो, सांस लेने में दिक्कत हो, बार-बार उल्टी या डायरिया हो, दौरे पड़ें या कन्फ्यूजन हो तो बिना देरी किए सीधे नजदीकी अस्पताल के इमरजेंसी रूम पहुंचें और उन्हें बताएं कि आपको CCHF का शक है.

क्या इससे पूरी तरह ठीक हो सकते हैं?

हां, कुछ लोग इससे पूरी तरह ठीक हो जाते हैं. कुछ मरीजों में लक्षण हल्के होते हैं. लेकिन कई बार बीमारी इतनी गंभीर होती है कि जान भी चली जाती है. रिकवरी के दौरान कमजोरी, फ्लू जैसे लक्षण, देखने-सुनने या याददाश्त में कमी रह सकती है. ये सब धीरे-धीरे ठीक हो सकते हैं.

बचाव कैसे करें?

इस बीमारी से बचने के लिए बीमारी को फैलाने वाले कीड़े से डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रूप से बचना जरूरी है. खासतौर पर इस कीड़े और वायरस को कैरी करने वाले जानवरों को हैंडल करते वक्त फुल कपड़े पहनें, बग स्प्रे लगाएं और टिक प्रोन एरिया में खुद को अच्छे से चेक करें.

  • किसी बीमार इंसान के ब्लड या बॉडी फ्लुइड्स से दूर रहें. PPE किट पहनें और हाथ धोना न भूलें.
  • जानवरों से डील करते समय बहुत ज्यादा सावधानी जरूरी है, भले वो बीमार न दिखें.
  • अगर आपको शक है कि आप एक्सपोज़ हो चुके हैं तो खुद को दूसरों से आइसोलेट करें और डॉक्टर से मिलें.

क्या इसका कोई वैक्सीन है?

फिलहाल CCHF का कोई वैक्सीन नहीं है. लेकिन पिछले कुछ सालों से इस पर रिसर्च चल रही है और कुछ वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल में हैं. अगर आप किसी ऐसी जगह रहते हैं या ऐसे काम करते हैं जहां ये वायरस फैल सकता है, तो हेल्थ प्रोफेशनल से बात करें और जानें कि आपको किस तरह से खुद को सुरक्षित रखना है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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