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This Article is From Dec 28, 2023

फिर तेजी से पैर पसार रहा कोरोना, दिल्ली में मिला कोविड-19 सब-वैरिएंट JN.1 का पहला मरीज

Covid Cases Delhi: भारत भर में बढ़ते कोवि​ड​-19 मामलों के बीच दिल्ली में भी बुधवार को कोविड का सब-वैरिएंट जेएन.1 का पहला मामले की पुष्टि हुई है.

फिर तेजी से पैर पसार रहा कोरोना, दिल्ली में मिला कोविड-19 सब-वैरिएंट JN.1 का पहला मरीज
दिसंबर तक JN.1 के देश में कुल 109 JN.1 मामले सामने आ चुके हैं.

दिल्ली में जेएन.1 कोविड सब-वैरिएंट का पहला मामला सामने आया है, इसकी पुष्टि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने की. भारद्वाज ने बताया, "जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए 3 सैम्पल में से एक जेएन.1 का है और अन्य दो ओमिक्रॉन के हैं." स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 26 दिसंबर तक देश में कुल 109 JN.1 मामले सामने आ चुके हैं. राजधानी में बुधवार को नौ नए मामले सामने आए, जिससे कुल एक्टिव केस 35 हो गए. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने JN.1 वैरिएंट को 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' के रूप में बांटा है. यह BA.2.86 वेरिएंट (एक ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट) का वंशज है. डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा कि है कि JN.1 का हेल्थ रिस्क कम है.

JN.1 वैरिएंट के लक्षण क्या हैं? | What are the symptoms of JN.1 variant?

  • बहती नाक
  • बुखार
  • मांसपेशियों में दर्द
  • सिरदर्द
  • ब्रेन फॉग
  • थकावट महसूस होना
  • पेट की खराबी, हल्के दस्त और उल्टी जैसी छोटी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं

कुछ मामलों में इंफेक्शन भूख में कमी और लगातार मतली का कारण भी बन सकता है.

हेल्थ एक्सपर्ट्स भी साफ कर चुके हैं कि घबराने की कोई बात नहीं है और लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं और चार से पांच दिनों के भीतर उनमें सुधार हो सकता है.

डॉ. बॉबी भालोत्रा, गंगाराम अस्पताल के चेस्ट मेडिसिन विभाग ने एएनआई को बताया कि "नए वेरिएंट अभी तक हल्के हैं, वे ओमीक्रॉन वायरस फैमिली से हैं. इसलिए मामलों के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है; ऐसी कोई घबराने वाली बात नहीं है लेकिन हां, यह एक संकेत है कि यह वापस आ गया है फिर से. यह पनप सकता है क्योंकि यह सामान्य कोविड वायरस से ज्यादा संक्रामक है इसलिए हमें सावधानी बरतनी शुरू करनी होगी. सावधानी और रोकथाम इलाज से बेहतर है. सावधानी बरतें ताकि ये फैल न सकें."

उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में मौसम में बदलाव, वायरल बीमारी और प्रदूषण के बढ़ने के कारण ओपीडी में रेस्पिरेटरी डिजीज के मामलों की संख्या बढ़ी है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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