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हमेशा हेल्दी रहने के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक लाइफस्टाइल, इन 8 कामों को अपने रूटीन में करें शामिल

Benefits of Ayurvedic Lifestyle: आज के समय में तनाव, अनहेल्दी डाइट और भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण हमारा शरीर और मन दोनों ही प्रभावित होते हैं. ऐसे में आयुर्वेदिक लाइफस्टाइल अपनाकर हम अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं.

हमेशा हेल्दी रहने के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक लाइफस्टाइल, इन 8 कामों को अपने रूटीन में करें शामिल
आयुर्वेदिक जीवनशैली से पाएं शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ | Achieve physical and mental health benefits through an Ayurvedic lifestyle

Ayurvedic Lifestyle: कुछ लोग मानते हैं कि आयुर्वेद सिर्फ एक ट्रीटमेंट नहीं है बल्कि एक लाइफस्टाइल है जो खुद को हेल्दी रखने का एक बहुत अच्छा जरिया है. अगर आप भी ऐसे लोगों में शामिल हैं जो आयुर्वेद को अपनी डेली लाइफ स्टाइल का हिस्सा बनाना चाहते हैं तो बहुत आसानी से ऐसा कर सकते हैं. ऐसा करने के लिए आपको सिर्फ कुछ आसान से टिप्स फॉलो करने होंगे. ऐसा भी माना जाता है कि आप अगर आयुर्वेद से जुड़ी लाइफस्टाइल अपनाते हैं तो आप ज्यादा पॉजिटिव और ज्यादा एनर्जेटिक (Positive Energy) फील कर सकते हैं. तो, चलिए जानते हैं वो आसान टिप्स जो आयुर्वेद के अकॉर्डिंग ढलने में हेल्पफुल हो सकते हैं.

आयुर्वेद के अनुसार हेल्दी रहने के टिप्स | Tips to Follow Ayurvedic Lifestyle

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रूटीन को सही रखें

आयुर्वेद में नियमित दिनचर्या को बहुत अहमियत दी गई है. जिसमें सुबह जल्दी उठना शामिल है. सुबह जल्दी उठने से आशय है ब्रह्म मुहूर्त में उठना. जो सुबह करीब 4 बजे के आसपास का माना जाता है. इसके बाद दिनभर एक्टिव रहना और रात में जल्दी सो जाना शरीर को बैलेंस रखता है. सुबह उठ कर एक ग्लास गरम पानी पीना शरीर के टॉक्सिन को बाहर कर डाइजेशन को बेहतर बनाता है.

सही फूड चुनें

"जैसा अन्न वैसा मन" – आयुर्वेद के अनुसार हम जो खाते हैं, उसका सीधा असर हमारी हेल्थ और माइंड पर पड़ता है. हल्का, हेल्दी और ताजा बना खाना ही खाना चाहिए. जंक फूड, ज्यादा तला-भुना और पैकेज्ड फूड से बचें. हर मौसम के अनुसार खाने में बदलाव करें- जैसे गर्मियों में ठंडा और सर्दियों में गरम तासीर वाली चीजें खाएं. हरी सब्जियां, फल, दालें और देसी घी को अपने आहार में शामिल करें. 

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पानी सही तरीके से पिएं

आयुर्वेद के अनुसार पानी को एकदम नहीं पीना चाहिए, बल्कि घूंट-घूंट कर और बैठकर पीना चाहिए. बहुत ज्यादा ठंडा पानी पीने से डाइजेशन कमजोर हो सकता है. खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीने से बचें. बल्कि आधे घंटे पहले या बाद में पानी पिएं. 

योग और प्राणायाम करें

योग और प्राणायाम न सिर्फ बॉडी को फिट रखते हैं बल्कि मेंटल टेंशन को भी दूर करते हैं. रोजाना 15 से 30 मिनट तक अनुलोम-विलोम, कपालभाति और भस्त्रिका प्राणायाम करने से शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई बेहतर होती है. सूर्य नमस्कार करने से बॉडी फ्लैक्सिबल और एनर्जेटिक बनी रहती है. 

हर्बल और नेचुरल चीजों का इस्तेमाल करें

आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का बहुत महत्व है. हल्दी, तुलसी, अदरक, अश्वगंधा और त्रिफला जैसी चीजें इम्यूनिटी बूस्ट करती हैं. तुलसी-शहद की चाय, अदरक-हल्दी की चाय बनाकर भी पी सकते हैं. ये चाय हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं. रोज रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है. 

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आयुर्वेदिक तरीके से मसाज करें

आयुर्वेद में तेल मालिश को बहुत फायदेमंद माना गया है. इसे अभ्यंग भी कहा जाता है. नारियल तेल, सरसों का तेल, या तिल का तेल बॉडी पर लगाने से स्किन मुलायम रहती है, और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. हफ्ते में कम से कम 2-3 बार सिर और पैरों की मालिश करने से स्ट्रेस दूर होता है और नींद अच्छी आती है. 

शरीर को डिटॉक्स करें

शरीर को डिटॉक्स करना भी आयुर्वेद के तहत बहुत जरूरी है. हफ्ते में एक दिन फलाहार या लिक्विड डाइट लेने से डाइजेशन ठीक रहता है. नींबू-पानी, एलोवेरा जूस, आंवला जूस और गुनगुना पानी जैसी चीजें शरीर की सफाई करती हैं. 

मेडिटेशन करें

तनाव और नेगेटिव सोच से शरीर पर बुरा असर पड़ता है. रोज 10-15 मिनट तक मेडिटेशन करने से मन शांत रहता है और एकाग्रता भी बढ़ती है. ऐसा करने से मेंटल पीस भी मिलता है. अच्छी किताबें पढ़ें, अच्छे लोगों के साथ रहें और हमेशा आभार को अपनी लाइफ का हिस्सा बनाएं. 

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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