बीजेपी ने मंगलवार को हरियाणा में कांग्रेस की उम्मीदों को तोड़ते हुए शानदार जीत हासिल की और सत्ता की ‘हैट्रिक' लगाई. लेकिन नायब सैनी सरकार के 9 मंत्री चुनाव हार गए हैं. सिर्फ 2 मंत्रियों को ही चुनावी रण में जीत मिली है. इससे पहले बीजेपी ने 2014 के विधानसभा चुनाव में 47 सीट जीतकर पहली बार अपने बूते हरियाणा में सरकार बनाई थी. साल 2019 के चुनाव में उसे 40 सीट मिली थीं.
विधानसभा सीट | उम्मीदवार | हारे/जीते |
बल्लभगढ़ | मूलचंद शर्मा | जीते |
पानीपत ग्रामीण | महिपाल ढांडा | जीते |
अंबाला सिटी | असीम गोयल | हारे |
थानेसर | सुभाष सुधा | हारे |
नूंह | संजय सिंह | हारे |
नांगल चौधरी | अभय सिंह यादव | हारे |
पंचकूला | ज्ञानचंद गुप्ता | हारे |
जगाधरी | कंवरपाल गुर्जर | हारे |
लोहारू | जयप्रकाश दलाल | हारे |
रानियां | रणजीत चौटाला | हारे |
हिसार | डॉ. कमल गुप्ता | हारे |
हरियाणा विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले बीजेपी ने अपने कद्दावर नेता मनोहर लाल खट्टर के स्थान पर अन्य पिछड़ा वर्ग के और सुर्खियों से परे रहने वाले नायब सिंह सैनी को प्रदेश की सत्ता की कमान सौंपी थी. उस समय भी बीजेपी के आलाकमान के इस फैसले ने जनता के साथ ही राजनीतिक पंडितों को भी चौंका दिया था और अब नतीजों के बाद भी कुछ ऐसा ही हुआ.
रनिया विधानसभा से रणजीत सिंह चौटाला चुनाव हार गए तो वहीं, नूंह से बीजेपी के संजय सिंह को भी हार का सामना करना पड़ा. अंबाला शहर से असीम गोयल भी चुनाव हार गए. थानेसर में बीजेपी के सुभाष सुधा को 3 हजार से अधिक वोटों से कांग्रेस नेता ने हरा दिया है.
बता दें कि हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 48 सीटें जीती और बहुमत के आंकड़े 46 को पार कर लिया. BJP को पिछले चुनाव की तुलना में इस बार 8 सीटों का फायदा हुआ है. हरियाणा चुनाव में कांग्रेस ने 37 सीटें जीती हैं. JJP खाता भी नहीं खोल पाई.
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