यह ख़बर 14 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

गुजरात चुनाव : साम्प्रदायिक आधार पर अभी भी बंटा हुआ है गोधरा

खास बातें

  • करीब एक दशक पहले लगभग पूरे गुजरात राज्य में भड़के सांप्रदायिक दंगे की आग के लिए चिंगारी का काम करने वाला यह अपेक्षाकृत कम विकसित क्षेत्र अभी भी धार्मिक आधार पर बंटा हुआ है।
अहमदाबाद:

करीब एक दशक पहले लगभग पूरे गुजरात राज्य में भड़के सांप्रदायिक दंगे की आग के लिए चिंगारी का काम करने वाला यह अपेक्षाकृत कम विकसित क्षेत्र अभी भी धार्मिक आधार पर बंटा हुआ है।

गोधरा में गुजरात विधानसभा के दूसरे चरण में 17 दिसम्बर को मतदान होना है। गोधरा के 2.13 लाख मतदाताओं में मुस्लिमों की काफी संख्या है। मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के अत्यधिक प्रचारित ‘सद्भावना मिशन’ के साथ ही मुस्लिमों को लुभाने की कई पहल करने के बावजूद यहां के मुस्लिम वर्ष 2002 के साम्प्रदायिक दंगे को भुलाने और उसके लिए माफ करने को तैयार नहीं हैं।

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राजधानी गांधीनगर से करीब डेढ़ सौ किलोमीटर स्थित गोधरा विधानसभा क्षेत्र के मतदाता कांग्रेस के वर्तमान विधायक सीके राउलजी के साथ ही आठ उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होना है। राउलजी गोधरा विधानसभा सीट से तीन बार वर्ष 1990, 1995 और 2007 में विधायक चुने गए। वह इन चुनावों में क्रमश: जनता दल, भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर खड़े हुए।