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This Article is From May 16, 2024

Sunil Chhetri Retirement: भारतीय फुटबॉल का पोस्टर बॉय, जिनके जाने पर फैंस के मन में डर भी सवाल भी

Sunil Chhetri: 2011 में अर्जुन पुरुस्कार और 2019 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया. साल 2021 में उन्हें खेल रत्न पुरस्कार मिला था और सुनील छेत्री यह सम्मान पाने वाले पहले फुटबॉलर थे.

Sunil Chhetri Retirement: भारतीय फुटबॉल का पोस्टर बॉय, जिनके जाने पर फैंस के मन में डर भी सवाल भी
Sunil Chhetri: भारतीय फुटबॉल का पोस्टर बॉय, जिसके जाने पर फैंस के मन में डर भी सवाल भी

भारतीय कप्तान सुनील छेत्री के फुटबॉल को अलविदा कहने के साथ ही एक बड़े अध्याय का अंत हो गया. तकरीबन 10 मिनट का सोशल मीडिया पर सुनील छेत्री का एक भावुक सा संदेश आया जिसमें उन्होंने कहा,"अलविदा." 39 साल के सुनील छेत्री को यह फैसला लेने में मु्श्किलें आईं, एक समय से वो इस लम्हें का आकलन करते रहे, कि कब उन्हें देश के लिए एक आखिरी मैच खेलना होगा. सुबह उनकी बहन वंदना ने एनडीटीवी को बताया यह हम सबके लिए बहुत ही भावुक क्षण है और सुनील शायद आज बात करने की हालत में नहीं हैं.

सचिन तेंदुलकर, सानिया मिर्जा, लिएंडर पेस, रोहन बोपन्ना और सुनील छेत्री ये कुछ ऐसे नाम है, जिन्होंने दो दशक से ज्यादा वक्त तक अपने-अपने खेल में भारतीय परचम को दुनिया भर में लहराए रखा. 39 साल की उम्र किसी भी फुटबॉल खिलाड़ी के लिए बहुत ज्यादा होती है. लेकिन मौजूदा दौर में बगैर सुनील छेत्री के भारतीय फुटबॉल टीम की कल्पना करना, भारतीय फैंस के मन में एक डर पैदा करता है. नोबेल पुरस्कार विजेता फुटबॉलर अल्बैर कामू कि किताब द फॉल के मोनोलॉग की तरह सुनील छेत्री का अलविदा बयान भी एक सम्मान के साथ डर पैदा करता है. ये सवाल बार बार आता है कि सुनील छेत्री की जगह कौन ले पाएगा.

सुनील छेत्री को भारतीय फुटबॉल में सभी सम्मान मिले. छेत्री ने अपने शानदार करियर में सात बार एआईएफएफ प्लेयर ऑफ द ईयर पुरस्कार जीता. उन्हें साल 2011 में अर्जुन पुरुस्कार और 2019 में  पद्मश्री से सम्मानित किया गया. साल 2021 में उन्हें खेल रत्न पुरस्कार मिला था और सुनील छेत्री यह सम्मान पाने वाले पहले फुटबॉलर थे.

सुनील छेत्री भारतीय फुटबॉल की गोल मशीन है. 94 गोल, 150 मैच. सााल 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ अपने करियर की शुरुआत करने वाले छेत्री सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल (94) करने वाले चौथे खिलाड़ी है. वह, क्रिस्टियानो रोनाल्डो, अली डेई और लियोनेल मेस्सी के बाद सक्रिय खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल करने वाले तीसरे खिलाड़ी हैं.

भारतीय फुटबॉल संघ के अध्यक्ष और टीम के पूर्व गोलकीपर कल्याण चौबे एनडीटीवी से कहते हैं,"सचिन तेंदुलकर की तरह सुनील छेत्री का फुटबॉल से जाना, इस खेल को खलेगा. दो दशक तक वो भारत के स्टार बने रहे, सैकड़ों बच्चों को प्रेरित किया. हर खेल को ऊंचाई पर पहुंचने के लिए एक स्टार की जरुरत होती है और उस खेल को बहुत अच्छा करना होता है. सुनील छेत्री ने अपनी फिटनेस को इस उम्र तक बनाए रखा, वो युवाओं को प्रेरणा देते हैं और ना सिर्फ भारतीय फुटबॉल के लिए, बल्कि खेलों के दुनिया के लिए उनका जाना एक नुकसान है." उनसे पूछने पर की उनकी भरपाई कौन करेगा, वो कहते हैं, ये तो जीवन की फिलासफी है, कि शो जारी रहेगा, एक खिलाड़ी जाएगा तो दूसरा बहुत ही कंपटीशन के साथ वहां आएगा और यह खेलों के लिए बहुत अच्छी बात भी है.

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