
वाशिंगटन:
रेड मीट में पाये जाने वाले एलर्जी पैदा करने वाले तत्व ‘एलर्जन’ से धमनियों में परत जम सकती है जिससे दिल की बीमारी का खतरा बढ़ता है. यह बात एक अध्ययन में कही गई है. रेड मीट में उच्च संतृप्त वसा स्तर से आम तौर पर लोगों में दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. यह निष्कर्ष ‘ आर्टरीओस्क्लेरोसिस, थ्रोम्बोसिस एंड वैस्कुलर बायोलॉजी ’ (एटीवीबी) नाम की पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
इसमें कहा गया है कि खाद्य एलर्जन से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है. अमेरिका की वर्जीनिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर कोलीन मैक्नामरा ने कहा, ‘‘वर्जीनिया से लोगों के एक छोटे समूह पर किए गए परीक्षण में यह निष्कर्ष प्राप्त हुआ. निष्कर्ष में इस बात की पुष्टि हुई कि रेड मीट दिल की बीमारी का खतरा बढ़ाने वाला एक महत्वपूर्ण कारक है.’’
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इसमें कहा गया है कि खाद्य एलर्जन से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है. अमेरिका की वर्जीनिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर कोलीन मैक्नामरा ने कहा, ‘‘वर्जीनिया से लोगों के एक छोटे समूह पर किए गए परीक्षण में यह निष्कर्ष प्राप्त हुआ. निष्कर्ष में इस बात की पुष्टि हुई कि रेड मीट दिल की बीमारी का खतरा बढ़ाने वाला एक महत्वपूर्ण कारक है.’’
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हाल के वर्षों में ही वैज्ञानिकों ने रेड मीट में मुख्य एलर्जन की पहचान की. अल्फा - गल नामक यह एलर्जन एक जटिल प्रकार की शर्करा है. उन्हें यह पता चला कि लोन स्टार टिक नामक एक कीड़ा जब रेड मीट का सेवन करने वाले लोगों को काटता है तो यह उनमें इस एलर्जन के प्रति एक प्रकार की संवेदनशीलता पैदा करता है. इसी के चलते रेड मीट एलर्जी से ग्रस्त लोगों को ऐसे कीड़ों से दूर रहने की सलाह दी जाती है. हालिया अध्ययन में अनुसंधानकर्ताओं ने पहली बार रेड मीट एलर्जी के संबंध में की गई एक विशिष्ट रक्त जांच में पाया गया कि रेड मीट एलर्जी का धमनी में परत जमने या धमनी की अंदरूनी परत पर वसा जमने से संबंध है.और खबरों के लिए क्लिक करें.
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