मलमास को भगवान विष्णु की पूजा के लिए सर्वोत्तम माना गया है
खास बातें
- मलमास को भगवान विष्णु की पूजा के लिए सर्वोत्तम माना गया है
- परम एकादशी को व्रतों में सबसे कठिन व्रत में से एक माना जाता है.
- माना जाता है कि व्रत में एकादशी का महत्व सबसे ज्यादा फल देने वाला होता है
Parama Ekadashi 2020: 13 (October) अक्टूबर यानि आज अधिक मास की अंतिम एकादशी है, हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का महत्वपूर्ण स्थान है. प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियाँ होती हैं. जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है. अधिक मास या मल मास को जोड़कर वर्ष में 26 एकादशी होती है. अधिक मास में दो एकादशी होती है. जो परमा, पद्मिनी और परम एकादशी के नाम से भी जानी जाती है. सभी एकादशी में यह एकादशी विशेष है. माना जाता है कि परम एकादशी पर व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. मलमास को भगवान विष्णु की पूजा के लिए सर्वोत्तम माना गया है, भगवान विष्णु ने ही इस मास को अपना नाम दिया है. जिससे कारण इसे पुरुषोत्तम के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि सभी व्रतों में एकादशी का महत्व सबसे ज्यादा फल देने वाला होता है. ये मलमास की आखिरी एकादशी है.
क्यों की जाती है भगवान विष्णु जी की पूजा?