Overpriced Airport Food: एयर ट्रैवल को ट्रांसपोर्ट का सबसे सुविधाजनक रूप माना जाता है. यह कम्फर्ट का लेवल प्रोवाइ़ड करता है जो अन्य ट्रांसपोर्ट नहीं कर सकते हैं. जबकि एयर ट्रैवल निश्चित रूप से सैलरी क्लास के लिए अधिक सुलभ हो गई है, हम उन आचार संहिता की उपेक्षा नहीं कर सकते हैं जिनका एयरपोर्ट पर पालन करने की उम्मीद की जाती है. उनमें से एक, इनकी औसत क्वालिटी के बावजूद एयरपोर्ट फूड खरीदना. हाल ही में, एक व्यक्ति ने इस विषय को उठाने के लिए ट्विटर का सहारा लिया और एयरपोर्ट पर घर का बना खाना खाने को सामान्य बनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया.
ट्विटर यूजर्स मधुर सिंह ने एयरपोर्ट पर बेचे जाने वाले भारी कीमत वाले फूड के खिलाफ बोलने के लिए माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म का सहारा लिया. उन्होंने जो वीडियो साझा किया, उसमें हम उन्हें अपनी मां के साथ एक एयरपोर्ट के बोर्डिंग एरिया में बैठे और अचार के साथ घर के बने पराठे का आनंद लेते हुए देख सकते हैं. सिंह ने ट्वीट किया, "मीडियम क्लास के लिए प्लाइट से ट्रैवल करना आसान हो गया है, लेकिन 400 रुपए का डोसा और 100 रुपए की पानी की बोतल खरीदने का सामाजिक दबाव अभी भी बहुत अधिक है. मेरी मां ने हमारी गोवा जर्नी के लिए आलू के पराठे पैक किए और हमने उन्हें वहीं एयरपोर्ट पर, नींबू के अचार के साथ पर खाया". यहां देखें उनका ट्वीट:
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Travelling in flights have become easier for middle class but the societal pressure of buying ₹400 worth dosa and ₹100 worth water bottle is still too damn high.
— Madhur Singh (@ThePlacardGuy) February 13, 2023
My mom packed Aalu parathe for our journey to Goa and we ate them at the airport, with nimbu ka achaar. pic.twitter.com/mg2ZVyrja0
अन्य पैसेंजर के रिएक्शन के बारे में बताते हुए उन्होंने लिखा, "कुछ लोगों ने हमें अजीब तरह से देखा, लेकिन, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता और हमें परवाह नहीं है." उन्होंने आगे कहा, "जितनी पॉकेट अनुमति दें उतना खर्चा करो, जो टेस्ट पसंद हो वो खाओ. समाज तो पता नहीं क्या सोचता है. सोचने दो. तुम मस्त अपनी लाइफ अपने स्टाइल से जियो. टेस्ट आपको अच्छा लगता है. ना जाने समाज क्या सोचता है. मुझे सोचने दें. आप अपनी जिंदगी अपने अंदाज में जिए.
इस पोस्ट ने कुछ ही समय में इंटरनेट का ध्यान आकर्षित किया, जहां लोगों ने सिंह के इस मुद्दे के खिलाफ बोलने की इच्छा का समर्थन किया. एक व्यक्ति ने लिखा, "आप सही कह रहे हैं. और मैंने कभी महसूस नहीं किया कि मीडियम क्लास के लोग अभी भी स्थिति के बारे में इतने सचेत हैं. मुझे एयरपोर्ट फूड से नफरत है. जब भी मैं अपना लंच/डिनर बॉक्स पैक करता हूं, मैं करता हूं. और मुझे इस बात पर गर्व है कि मेरी मां/पत्नी मेरा खाना पैक करने की काफी परवाह करती हैं."
एक अन्य व्यक्ति ने कमेंट किया, "हां हम हमेशा एयरपोर्ट के लिए आलू पराठा पैक करते हैं. और इसे फ्लाइट में चढ़ने से पहले खाते हैं. और मुझे इसे स्वीकार करने में कोई शर्म नहीं है."
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एक तीसरा कमेंट पढ़े, "यह एकदम सही है. मैं अपनी बिजनेस ट्रैवल पर हर समय ऐसा करता हूं. यह उस तरह से स्वस्थ है."
"वास्तव में यह पसंद है, अगर खाना गरम रहे तो इससे अच्छा क्या हो सकता है (अगर खाना गर्म रहता है तो इससे बेहतर क्या हो सकता है) घर का खाना ट्रैवल के दौरान किसी भी चीज से ज्यादा अच्छा."
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