भारत त्योहारों का देश है जहां कोई न कोई त्योहार मनाया ही जाता रहता है. बसंत पचंमी के बाद अब लोगों ने महाशविरात्रि 2020 की तैयारी शुरू कर दी है. महाशविरात्रि हिन्दुओं का बड़ा त्योहार है जिसे सदियों से मनाया जा रहा है. यह पर्व भगवान शिव के सम्मान में मनाया जाता है, हिन्दू कैलेंडर के अनुसार महाशविरात्रि फाल्गुन या माघ की 13वीं रात या 14वें दिन पर पड़ती है. इस साल महाशविरात्रि 2020 21 फरवरी को मनाई जाएगी. शिवरात्रि हिन्दुओं के शुभ त्योहारों में से एक है. इस दिन भक्त पूरी रात जाग कर शिवलिंग की पूजा करते हैं, फल और फूल चढ़ाते हैं, इतना ही नहीं पूरे विधि-विधान के साथ महाशिवरात्रि का उपवास भी करते हैं. वहीं लाखों की तादाद में लोग उज्जैन के महाकालेश्वर और गुजरात के सोमनाथ मंदिर में भी पूजा के लिए जाते है, यह दोनों मंदिर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर हैं.
Mahashivratri 2020: महाशिवरात्रि का महत्व
महाशिवरात्रि का अर्थ है 'शिव की महान रात'.वैसे तो वर्षभर में कई शिवरात्रि आती हैं लेकिन इन सब में सबसे महत्वपूर्ण होती है महाशिवरात्रि जिसे फाल्गुन के महीने में मनाया जाता है. शिवरात्रि के इस पर्व के साथ कई कहानियां भी जुड़ी हुई हैं, कुछ लोगों का कहना है कि इस दिन भगवान शिव ने देवता और असुरों के बीच हुए समुद्र मंथन प्रकरण के दौरान निकले विष को पी लिया था, जबकि कुछ का कहना है कि इस दिन शिव और पार्वती का विवाह हुआ था. वहीं कुछ प्राचीन धर्म ग्रंथ यह कहते हैं कि इस दिन भगवान शिव ने ताडंव का प्रदर्शन किया था. इसलिए उनके भक्त उन्हें याद करते हैं, माना जाता है कि भगवान बुराई का नाश करते हैं और सच्चे भक्तों की पुकार सुनते हैं.
Maha Shivratri 2020: महाशिवरात्रि 2019 कब है? शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत के आहार
महाशिवरात्रि के दिन भक्त शिवलिंग को दूध, दही, शहद, घी और चंदन से स्नान कराते हैं साथ ही ओम नम: शिवाय का जाप करते हैं. इसके अलावा शिवलिंग पर बेलपत्र भी चढ़ाएं जाते हैं. माना जाता है कि भगवान शिव को दूध काफी पसंद था, कहा जाता है कि वह गर्म स्वभाव के थे तो दूध उन्हें ठंडा रखता था.
महाशिवरात्रि का अर्थ है 'शिव की महान रात'.
Mahashivratri 2019: महाशिवरात्रि पर व्रत का महत्व
महाशिवरात्रि के मौके पर भगवान शिव के उत्साही भक्त पूरे दिन का उपवास करते हैं, इस दौरान वे लोग मांस और भारी भोजन खाने से परहेज करते हैं. इसकी जगह वे फल, दूध, दही और पानी लेते हैं. कुछ भक्त निर्जला उपवास करना पसंद करते है. हालांकि बुजुर्ग लोगों, बीमार या गर्भवती महिलाओं को उपवास न करने की सलाह दी जाती है.
वहीं उपवास के नियम हर परिवार में अलग-अलग होते हैं, आमतौर पर लोग व्रत के दौरान दाल और अनाज का सेवन नहीं करते है. इसकी जगह वह आलू, साबुदाना और कृट्टू का आटा खाना पसंद करते हैं. व्रत में आप बिना प्याज़, लहसुन और अदरक के साधारण आलू की सब्जी बनाकर कुट्टू की पूरी के साथ खा सकते हैं. करी के अलावा आप सब्जियों का इस्तेमाल कई तरह से करके भिन्न-भिन्न प्रकार की चीज़े बना सकते हैं- जैसे लौकी का हलवा, आलू का हलवा, कददू का पैनकेक। इसके अलावा आलू की टिक्की, आलू पकौड़ा, कच्चे केले के वड़े और सिंघाडे के आटे के पकौड़े जैसे कुछ दिलचस्प स्नैक आइडियाज़ आप इस बार शिवरात्रि के मौके पर ट्राई कर सकते हैं.
महा शिवरात्रि 2020 तिथि, समय, पूजा मुहर्त
महा शिवरात्रि शुक्रवार, 21 फरवरी, 2020 को
निशित काल पूजा का समय - दोपहर 12:09 बजे से 01:00 बजे, 22 फरवरी
अवधि - 00 घंटे 51 मिनट
22 फरवरी को, शिवरात्रि पराना समय - प्रातः 06:54 से 03:25 बजे
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा का समय - शाम 06:15 बजे से रात 09:25 बजे तक
रात्रि दूसरी प्रहर पूजा का समय - रात 09:25 बजे से 12:34 बजे, 22 फरवरी
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा का समय - 12:34 पूर्वाह्न से 03:44 बजे, 22 फरवरी
रात्रि चौथा प्रहर पूजा का समय - 03:44 पूर्वाह्न से 06:54 बजे, 22 फरवरी
चतुर्दशी तिथि 21 फरवरी, प्रातः 05:20 से 21 फरवरी, 2020
चतुर्दशी तीथि समाप्त - शाम 07:02 से 22 फरवरी 2020
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