जानें क्यों है पूर्वजों का खाना हेल्दी रहने के लिए बेहतर

जानें क्यों है पूर्वजों का खाना हेल्दी रहने के लिए बेहतर

नई दिल्ली:

स्वस्थ रहने और समय से पहले बुढ़ापे से बचने के लिए लोगों को एक संतुलित आहार की तलाश रहती है। लेकिन भारत में एक नई खोज हुई है कि अगर आप लाइफ स्टाइल की वजह से होने वाली बीमारियों से बचते हुए हेल्दी रहना चाहते हैं, तो अपने पूर्वजों के जैसा ही भोजन करें।  अब तक स्टोन एज में खाए जाने वाले खाने के महत्व पर केवल पाश्चात्य जगत में ही चर्चा की जाती थी। लेकिन दुबले होने की चिंता से पीड़ित भारतीय युवा वर्ग को भी अब यह सोच आकर्षित करने लगी है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि हर किसी के लिए एक तरह के आहार की सिफारिश करना गलत होगा, लेकिन हम हर किसी के लिए पाषाणयुगीन (स्टोनएज) खानपान से काफी कुछ ले सकते हैं।

दिल्ली की मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की प्रमुख (पोषण और खानपान) रितिका समाद्दार का कहना है, "इसमें कोई शक नहीं है कि हमारे पूर्वजों का भोजन रेशे (फाइबर) और पोषक तत्वों से भरपूर था जिससे वे काफी स्वस्थ रहते थे और बुढ़ापा भी उनमें देर से आता था। लेकिन आजकल हमलोग जो खाना खा रहे हैं उसमें फाइबर कम और सोडियम ज्यादा होता है। यही कारण है कि मधुमेह से लेकर हृदय संबंधी रोग के मामले बढ़ते जा रहे हैं।"

इसलिए हमें पाषाणयुगीन खाद्य सामग्रियां जैसे सभी तरह की सब्जियां, फल और शाक से भरपूर भोजन लेना चाहिए।

फोर्टिस की आहार विशेषज्ञ सीमा सिंह ने बताया, "फल और सब्जियां एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं जो हमारे शरीर से फ्री रेडिकल्स के दुष्प्रभाव को दूर करते हैं। एंटीआक्सिडेंट जैसे विटामिन सी और ई या केरोटेनोइड फ्री रेडिकल्स से होने वाली हानि से हमारी कोशिकाओं को बचाती है। दूसरे प्राकृतिक एंटीआक्सिडेंट में फ्लेवोनाइड, फेनोल्स और लिगनांस आदि होते हैं।"

इतना ही नहीं, बीएलके सुपर स्पेशियलटी अस्पताल की मुख्य आहार विशेषज्ञ सुनीता रॉय चौधरी का कहना है कि पाषाणकालीन भोजन में दूध और दूध से बने पदार्थों के उपयोग की सलाह नहीं दी जाती है।

वहीं आहार विशेषज्ञ मीरा रॉय बताती हैं कि आजकल लोग बहुत ज्यादा तनाव में रहते हैं इसलिए उच्च कैलोरी वाले आहार ग्रहण करते हैं जो कि संतुलित नहीं होते। यही नहीं, रॉय ने बताया कि कच्चे, उबले और सेके हुए खाद्य पदार्थ ही सबसे अच्छे होते हैं। यह हमें स्वस्थ और बुढ़ापे को दूर रखते हैं। 
 
 

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)