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This Article is From Apr 27, 2016

चिलचिलाती धूप में भी यूं रख सकते हैं अपने दिल का ख़्याल

चिलचिलाती धूप में भी यूं रख सकते हैं अपने दिल का ख़्याल
नई दिल्ली: गर्मियां शुरू होते ही, तापमान आसमान छूने लगा है। तेज़ धूप के चलते जहां लोग घर से बाहर निकलने में कई बार सोच रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनका स्वास्थ्य भी उनको बाहर निकलने की इज़ाज़्त नहीं दे रहा है। सादारण बैचेनी, थकान, खाने का सही से न पचना, लूज़ मोशन और न जाने ऐसे ही कितनी तरह ही बीमारियां लोगों को घेरे हैं। इन स्वास्थ्य समस्याओं के साथ-साथ दिल के रोगियों के लिए समस्याएं खड़ी हो रही हैं। जी हां, हेल्दी लोग एक बार फिर भी इन समस्याओं को सह लेते हैं, लेकिन जिन लोगों का दिल कमजोर है उनमें स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और दिल का दौरा जैसी समस्याएं हो सकती है। यह स्थिति कभी-कभी जानलेवा भी हो सकती है। ऐसे में इस चिलचिलाती गर्मी से खुद को बचने और दिल संभालने के लिए लोगों को जागरूक होना जरूरी है। 
 

गर्मियों में दिल करता है ज़्यादा काम
अगर देखा जाए तो व्यक्ति का दिल मुट्ठीभर मांस पेशियों का एक ढांचा है, जो रक्त धमनियों के जरिए शरीर के बाकी अंगों और तंतुओं को रक्त पहुंचाता है। बाहर के तापमान में वृद्धि होने से शरीर को ठंडा रखने के लिए आम दिनों से ज्यादा पानी खर्च हो जाता है। दिल को ज्यादा तेजी से काम करना पड़ता है, ताकि त्वचा की सतह तक रक्त पहुंचा पसीने के जरिए शरीर को ठंडा रखने में मदद की जाए। 

एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर के निदेशक डॉ. प्रवीर अग्रवाल कहते हैं कि दिल के रोगियों में हीट स्ट्रोक (लू) का खतरा काफी ज्यादा होता है, क्योंकि प्लॉक से तंग हो चुकी धमनियों से त्वचा तक खून का बहाव सीमित हो सकता है। 

उन्होंने कहा कि पसीना, जुकाम, त्वचा में तनाव, चक्कर आना, बेहोशी, मांसपेशियों में तनाव, एड़ियों में सूजन, सांस में दिक्कत, जी मिचलाना, उल्टी हीट स्ट्रोक के लक्षण हैं।
 

यूं कर सकते हैं गर्मी से बचाव
डॉ. प्रवीर अग्रवाल ने बताया कि हीट स्ट्रोक से बचने के लिए दिल के रोगियों को गर्मी के दिनों में दोपहर में घर के अंदर ही रहना चाहिए, खुले और हवादार कपड़े पहनने चाहिए, खूब पानी पीते रहना चाहिए और व्यायाम नहीं करना चाहिए। हीट स्ट्रोक होने पर दिल के रोगी को तुरंत नजदीकी हस्पातल ले जाना चाहिए।

फरीदाबाद स्थित फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. संजय कुमार ने बताया कि गर्मियों में होने वाली डिहाइड्रेशन दिल के रोगियों के लिए बेहद खतरनाक है। यह धमनियों में रिसाव और स्ट्रोक का कारण बनता है। 

उन्होंने कहा कि 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोग अक्सर अपनी प्यास का अंदाजा नहीं लगा पाते और डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाते हैं। घर से बाहर जाने पर बार-बार पानी पीते रहने का ध्यान रखना चाहिए। 

कुछ अन्य उपाय
 
  • अगर आप सुबह के समय सैर पर जाते हैं, तो थोड़ा ठंड के मौसम में ही जाएं। साथ ही, दौड़ना और बागबानी ठंडे वक्त में करनी चाहिए।
  • गर्मियों में ध्यान रखें कि ज़्यादा मोटे कपड़े न पहनें। हल्के वजन और रंगों वाले ऐसे कपड़े पहनें, जिनमें सांस लेना आसान हो।
  • डिहाइड्रेटिंग से बचने के लिए कैफीन और शराब से दूरी बनाएं रखें।
  • हल्का और सेहतमंद आहार लें। साथ ही, रखे हुए खाने और बाहर के खाने से दूरी बनाएं।
  • बॉडी को सही रूप से चलाते रहने के लिए पानी की जरूरत होती है इसलिए पूरे दिन में आठ से दस गिलास पानी पीना जरूरी है।
  • गर्मियों में अच्छी नींद लेना दिल पर दबाव कम करने और शरीर को स्फूर्ति देने के लिए आवश्यक है। 
(इनपुट्स आईएएनएस से)


 

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