नई दिल्ली:
सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है। ठंडी हवाओं के बीच कोहरा भी अपनी दस्तक दे चुका है। गर्मियों के मुकाबले सर्दियां लोगों को पसंद होती हैं। पसीने और चिपचिपाहट से दूर सर्दियों का अपना अलग ही मजा है। लेकिन आपकी जरा-सी असावधानी आपको बीमारियों की चपेट में ला सकती है। ऐसे में जरूरी है थोड़ी-सी सावधानी और सतर्कता, ताकि बिना किसी टेंशन के सर्दी के मौसम को खुल के एंजॉय किया जा सके।
ऐसा माना जाता है कि बदलता मौसम अपने साथ कई बीमारियां लेकर आता है और व्यक्ति की थोड़ी असावधानी उसे इन बीमारियों का शिकार बना देती है। सर्दियों में दिन छोटे होने के कारण, बॉडी में हॉर्मोन्स में असंतुलन पैदा हो जाता है। धूप न निकल पाने के कारण शरीर में विटामिन-डी की कमी आ जाती है, जिसका प्रभाव सीधा दिल और दिमाग पर पड़ता है।
ठंड में ख़ासकर उम्रदराज लोगों को अवसाद घेर लेता है, जिससे उनमें तनाव और हाइपरटेंशन काफी बढ़ जाता है। सर्दियों के अवसाद से पीड़ित लोग अक्सर ज़्यादा चीनी, ट्रांस फैट और सोडियम व ज़्यादा कैलोरी वाला भोजन खाने लगते हैं। डायबिटीज़ और हाइपरटेंशन से पीड़ित लोगों के लिए यह बहुत ही खतरनाक हो सकता है। इस मौसम में आम तौर पर निमोनिया भी हो जाता है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के महासचिव डॉ. केके अग्रवाल बताते हैं कि सर्दियों में होने वाले निमोनिया, अवसाद, हाइपोथर्मिया और ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव के साथ अन्य बीमारियां भी रोकी जा सकती हैं। इसके लिए आपको ज़्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है। बस, अपने लाइफस्टाइल में थोड़ा बदलाव करके इनका आसानी से इलाज किया जा सकता है।
डॉ. केके ने कहा कि, " जीवनशैली लाइफस्टाइल के कारण होने वाली बीमारियों से पीड़ित लोगों को सलाह दी जाती है कि वे सर्दियों में शराब का सेवन न करें क्योंकि यह मुश्किलें पैदा कर सकती है। हेल्दी फूड ही खाने में शामिल करें। एक साथ ज़्यादा खाना खाने से बेहतर, थोड़े-थोड़े अंतराल पर खाना है"।
इसके अलावा, इन बातों का भी रखें ध्यान :
ऐसा माना जाता है कि बदलता मौसम अपने साथ कई बीमारियां लेकर आता है और व्यक्ति की थोड़ी असावधानी उसे इन बीमारियों का शिकार बना देती है। सर्दियों में दिन छोटे होने के कारण, बॉडी में हॉर्मोन्स में असंतुलन पैदा हो जाता है। धूप न निकल पाने के कारण शरीर में विटामिन-डी की कमी आ जाती है, जिसका प्रभाव सीधा दिल और दिमाग पर पड़ता है।
ठंड में ख़ासकर उम्रदराज लोगों को अवसाद घेर लेता है, जिससे उनमें तनाव और हाइपरटेंशन काफी बढ़ जाता है। सर्दियों के अवसाद से पीड़ित लोग अक्सर ज़्यादा चीनी, ट्रांस फैट और सोडियम व ज़्यादा कैलोरी वाला भोजन खाने लगते हैं। डायबिटीज़ और हाइपरटेंशन से पीड़ित लोगों के लिए यह बहुत ही खतरनाक हो सकता है। इस मौसम में आम तौर पर निमोनिया भी हो जाता है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के महासचिव डॉ. केके अग्रवाल बताते हैं कि सर्दियों में होने वाले निमोनिया, अवसाद, हाइपोथर्मिया और ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव के साथ अन्य बीमारियां भी रोकी जा सकती हैं। इसके लिए आपको ज़्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है। बस, अपने लाइफस्टाइल में थोड़ा बदलाव करके इनका आसानी से इलाज किया जा सकता है।
डॉ. केके ने कहा कि, " जीवनशैली लाइफस्टाइल के कारण होने वाली बीमारियों से पीड़ित लोगों को सलाह दी जाती है कि वे सर्दियों में शराब का सेवन न करें क्योंकि यह मुश्किलें पैदा कर सकती है। हेल्दी फूड ही खाने में शामिल करें। एक साथ ज़्यादा खाना खाने से बेहतर, थोड़े-थोड़े अंतराल पर खाना है"।
इसके अलावा, इन बातों का भी रखें ध्यान :
- सर्दियों के अवसाद से बचने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा धूप मे बैठें या चारदीवारी के अंदर बत्ती जलाकर रहें।
- गर्मियों की तुलना में सर्दियों की सुबह ब्लड प्रेशर ज़्यादा होता है इसलिए ब्लड प्रेशर के मरीज बिना डॉक्टर की सलाह से सर्दियों की सुबह घर से बाहर न निकलें और सर्दियों में ब्लड प्रेशर की दवा बढ़ाने को कहें।
- सर्दियों में दिल के दौरे भी अधिक पड़ते हैं, इसलिए सुबह-सुबह सीने में होने वाले दर्द को नजरअंदाज न करें।
- सर्दियों में ज़्यादा मीठा, कड़वा और नमकीन खाने से परहेज करें।
- सभी को अपने डॉक्टर से निमोनिया और फ्लू की वैक्सीन के बारे में पूछना चाहिए।
- बहुत छोटी उम्र और उम्रदराज लोगों को सर्दियों में निमोनिया की समस्या हो सकती है। ख़ासकर दमा, डायबिटीज और दिल के रोगों से पीड़ित लोगों को फ्लू का वैक्सीन जरूर लगवाना चाहिए।
- सर्दियों में बंद कमरों में हीटर चलाकर सोने से बचें।
- एक तापमान से दूसरे तापमान में जाने से पहले अपने शरीर को संतुलित तापमान पर ढलने के लिए समय दें।
- विटामिन 'डी' सेहत के लिए बहुत जरूरी है। प्रतिदिन कम से कम 40 मिनट तक धूप में जरूर बैठें।
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