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10 से 13 साल का है बच्चा तो पापा को जरूर करने चाहिए ये 5 काम, पैरेंटिंग कोच ने कहा कभी ना भूलें ये बातें

Parenting Tips: बच्चे की परवरिश में माता-पिता दोनों की भूमिका अहम होती है. ऐसे में यहां जानिए कौनसी हैं वो बातें जिनका पिता को खास ख्याल रखना चाहिए और कौनसे काम जरूर करने चाहिए जो बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए बेहद जरूरी हैं. 

10 से 13 साल का है बच्चा तो पापा को जरूर करने चाहिए ये 5 काम, पैरेंटिंग कोच ने कहा कभी ना भूलें ये बातें
Father Should Do These Things: पैरेंटिंग कोच ने बचाया पिता को कौनसे काम जरूर करने चाहिए.

Parenting: बच्चों की परवरिश में अक्सर देखा जाता है कि उनपर मां का ज्यादा प्रभाव पड़ता है जिसकी वजह मां का बच्चों के साथ ज्यादा समय बिताना भी माना जाता है. बच्चों को मां ही उनकी गलतियों पर डांटती हुई दिखती हैं या फिर उन्हें समझाती रहती हैं कि ये करो या वो करो. लेकिन, बच्चों की परवरिश में पिता (Father) की भूमिका भी उतनी ही एक्टिव होना जरूरी है जितना मां एक्टिव रहती हैं. पैरेंटिंग कोच (Parenting Coach) पुष्पा शर्मा का कहना है कि 10 से 13 साल के बच्चों के पिता को 5 जरूरी काम जरूर करने चाहिए. इन कामों से बच्चों की परवरिश पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है जोकि बेहद जरूरी भी है. 

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10 से 13 साल के बच्चों के पिता को जरूर करने चाहिए ये 5 काम 

पहला काम 

अगर बच्चा मां के साथ गलत व्यवहार कर रहा है या बदतमीजी से बात कर रहा है तो इसपर पिता को सोशल-इमोशनल बाउंडरीज सेट करना बेहद जरूरी है. पापा को बच्चों को समझाना चाहिए कि यह कितना गलत है. 

दूसरा काम 

पिता को कभी भी बच्चों के सामने अपनी पत्नी यानी बच्चों की मां को किसी बात के लिए ब्लेम नहीं करना चाहिए. इससे बच्चे के अंदर इमोशनल डिस्प्लेसमेंट होता है और पैरेंटल डिस्ट्रस्ट पैदा होता है. इससे बच्चों की अपनी मां के साथ बोंडिंग (Bonding With Parents) खराब हो सकती है. 

तीसरा काम 

ज्यादातर मां ही बच्चों के साथ चीजों के नियमों को लेकर सख्ती बरतती हैं. लेकिन, पैरेंटिंग कोच का कहना है कि पिता को भी रूल्स पूरी अथोरिटी के साथ बच्चों को बताने चाहिए. इससे बच्चा कंफ्यूजन में नहीं रहता. वहीं, 10 से 13 साल की उम्र रूल्स सेट करने के लिए सही भी है. 

चौथा काम 

पापा को बच्चों के सामने मां की रिस्पेक्ट करनी चाहिए. इससे बच्चों को एक तरह से रिलेशनल ब्लूप्रिंट मिलता है कि उसे भी मां के साथ सम्मान )Respect) से पेश आना है. यह बच्चे की ऑब्जर्वेशनल लर्निंग का समय है और वह जो कुछ देखता है वही सीखता है. 

पांचवा काम 

पिता को बच्चे के सामने अलर्ट रहने की जरूरत होती है. वह क्या बोल रहे हैं और क्या कर रहे हैं इन चीजों को लेकर अलर्ट रहें. बच्चे का दिमाग फीलिंग्स से ज्यादा पैटर्न्स और रेपिटिशंस पर रिएक्ट करता है. इसीलिए आप क्या बोल रहे हैं और क्या कर रहे हैं इस बात का ध्यान रखें. 

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