हर 33 सेकेंड में एक व्यक्ति की हो रही दिल के दौरे से मौत

हर 33 सेकेंड में एक व्यक्ति की हो रही दिल के दौरे से मौत

नई दिल्ली:

आज के समय में दिल की बीमारियों और हार्ट अटैक से कई लोग पीड़ित हैं। क्या आप जानते हैं कि भारत में दिल के दौरे से हर 33 सेकेंड में एक व्यक्ति की मौत हो रही है। शहर के एक शीर्ष हृदय रोग विशेषज्ञ का कहना है कि भारत में इस रोग से पश्चिमी दुनिया के मुकाबले 10 साल पहले ही लोगों की मौत हो जाती है।

सर गंगाराम हॉस्पिटल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अश्विनी मेहता का कहना है कि “भारत में हर साल करीब 20 लाख लोग दिल के दौरे से पीड़ित हैं, जिनमें ज़्यादातर युवा हैं”। उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि “शहर में रहने वाले पुरुषों को, गांव में रहने वाले पुरुषों से दिल के दौरे की संभावना तीन गुणा अधिक होती है। वहीं, महिलाओं में मीनोपॉज के बाद इसका खतरा बढ़ता है”।

दिल के दौरे का मुख्य कारण एलडीएल-सी (लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल) होता है। इसके अलावा धूम्रपान करने, डायबिटीज़ की समस्या रहने, हाई ब्लड प्रेशर रहने, लाइफस्टाइल में बदलाव न लाने से, कार्बोहाइड्रेट से भरपूर भोजन न लेने से और शारीरिक व्यायाम न करने से भी दिल का दौरा हो सकता है। डॉक्टर का कहना है कि अकसर, मरीज़ छाती में दर्द, एसिडिटी या पाचन संबंधी गड़बड़ी समझ कर अनदेखा कर देते हैं, जो गलत है।

अगर चलने-फिरने के बाद किसी प्रकार की असुविधा महसूस हो रही हो। ख़ासकर अगर आराम करने के बाद भी यह बना रहता है तो यह दिल की बीमारी हो सकती है और इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस पर तुरंत ध्यान दिए जाने की ज़रूरत है। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन की नवीनतम रिपोर्ट के हवाले से कहा कि दुनिया में सबसे ज़्यादा दिल के दौरे के मामले भारत में ही सामने आते हैं। लेकिन समय पर इलाज करने से हृदय रोग को रोका जा सकता है।

इसके अलावा उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य भोजन, ताज़ा फल और सब्जियां खाने से, रोजाना व्यायाम और तनावरहित जीवन जीने से भी इसे रोका जा सकता है। लाइफस्टाइल में बदलाव जैसे तनाव घटाकर, नियमित चेकअप (ख़ासकर लिपिड प्रोफाइल) और दवाइयों का प्रयोग बेहद महत्वपूर्ण है।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)


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