Is It Safe or not in Relieve Cough: छोटे बच्चों में इम्यूनिटी सिस्टम का विकास पूरी तरह न हो पाने के कारण सर्दी, जुकाम जैसी बीमारियां उन्हें बड़ी आसानी से अपना शिकार बना लेती हैं. ऐसा कई तरीकों से हो सकता है, जैसे कुछ ठंडा खा लेना या फिर मौसम का बदलना वगैरह. ऐसे में ज्यादातर माता-पिता अपने बच्चों को डॉक्टर के पास ले जाने में भलाई समझते हैं, लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो घरेलू नुस्खों को ही तवज्जोह देते हैं. छोटे बच्चों में खांखी या जुखाम होने पर अक्सर लोग कुछ शहद चटाते हैं. (Honey To Infants To Relieve Cough). जबकि डॉक्टर ऐसा करने से मना करते हैं. तो सवाल यह उठता है कि infant को शहद चटाना कितना सही है और कितना गलत. जानें इसपर विशेषज्ञों की क्या राय है.
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Is It Safe or not in Relieve Cough: पोषण विशेषज्ञ रूपाली दत्ता की माने तो यह बिल्कुल सही है कि कफ़ को खत्म करने के लिए शहद पारंपरिक नुस्खा है, लेकिन क्या हर घरेलू नुस्खा बच्चों पर आजमाया जा सकता है यह सोचने की जरूरत है. कोई भी चीज बच्चों को महज इसलिए खाने के लिए नहीं दी जा सकती क्योंकि वह जड़ी बूटी (organic baby food) या घरेलू नुस्खा है. बच्चों पर हर उस चीज का असर देखने को मिलता है जो भी वो खाते हैं. इसलिए शहद को बच्चों के लिए इस्तेमाल करते समय इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि कहीं बच्चे को शहद से एलर्जी तो नहीं. 6 माह से (6 month baby food chart) छोटे किसी भी बच्चे को शहद देना सही नहीं है. 6 महीने से 1 साल की (9 month baby food chart) उम्र के बीच जब बच्चे को आप बेबी फूड देना शुरू करते हैं तब आप उसके कफ़ के लिए शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन ऐसे में शहद की मात्रा और गुणवत्ता दोनों का ही पूरा ध्यान रखा जाए.
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हीरानन्दानी हॉस्पिटल में पीडियाट्रिशन के तौर पर कार्यरत डॉ. सुभाष राव का कहना है कि दो साल से अधिक आयु के हर बच्चे को कफ़ ठीक करने के लिए शहद दी जा सकती है. शहद की चिकनाहट गले के रुखेपन से आराम प्रदान करती है.
इसके अलावा शहद में एंटी-इंफेक्टिव गुण भी होते हैं. जिससे बच्चे को काफी फायदा मिलता है. शहद में कई गुण होने के बावजूद कई बार उसके अंदर बैक्टीरिया के बीजाणु पाए जाते हैं जिन्हें क्लोसट्रिडियम बोटुलिनम कहा जाता है. जोकि एक खास तरीके की फूड प्वाइजनिंग का कारण बन सकता है. हालांकि बड़े लोगों पर इसका कोई खास असर नहीं होता क्योंकि उनका पाचन तंत्र काफी मजबूत होता है लेकिन छोटे बच्चों के लिए नुकसानदायक हो सकता है.
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कच्ची शहद में भले ही स्वास्थ्यवर्धक गुण होते होंगे लेकिन 6 माह (baby food after 6 months) से कम के बच्चों के लिए इसके उतने ही बुरे प्रभाव हो सकते हैं. तो 6 माह से कम आयु के बच्चों पर ये घरेलू नुस्खा आजमाने से बेहतर है कि आप एक पीडियाट्रिशन से संपर्क करें.
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