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पेशाब के बाद जलन क्यों होती है या क्यों होता है पेशाब करने के बाद दर्द, जानें कैसे आहार से होगा ठीक

Peshab karne ke bad dard kyon hota hai : पेशाब करते समय या पेशाब के बाद जलन महसूस होना एक आम लेकिन परेशान करने वाली समस्या है, जिसे मेडिकल भाषा में डिसुरिया (Dysuria) कहा जाता है. यह जलन किसी भी उम्र और लिंग के व्यक्ति को हो सकती है. ज्यादातर मामलों में, यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत नहीं होती, बल्कि मूत्र प्रणाली (Urinary System) में किसी तरह की गड़बड़ी या संक्रमण (Infection) के कारण होती है.

पेशाब के बाद जलन क्यों होती है या क्यों होता है पेशाब करने के बाद दर्द, जानें कैसे आहार से होगा ठीक

Dysuria (Painful Urination) | Burning After Urination : पेशाब करते समय या उसके बाद जलन महसूस होना (जिसे डिसुरिया कहते हैं) एक आम समस्या है, जो आपको परेशान कर सकती है. क्या आप जानना चाहते हैं कि पेशाब के बाद जलन क्यों होती है (Peshab Karne Ke Bad Jalan Kyon Hoti Hai) और इसका कारण क्या है? ज़्यादातर मामलों में, इसका मुख्य कारण यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) होता है, लेकिन किडनी स्टोन या पानी की कमी जैसे कई अन्य कारण भी हो सकते हैं. इस लेख में हम पेशाब में जलन (burning after urination) के सभी प्रमुख कारणों—जैसे STI, प्रोस्टेट समस्याएँ, और मूत्राशय की पथरी—को समझेंगे.

Peshab Ke Baad Dard: अगर आपको पेशाब करने में दर्द या जलन के साथ बुखार है, तो यह गंभीर हो सकता है. पेशाब की जलन के घरेलू उपाय जानने और अपनी किडनी की सेहत सुनिश्चित करने के लिए आगे पढ़ें.

Peshab Karne Ke Baad Jalan Kyu Hoti hai: पेशाब करते समय या पेशाब के बाद जलन महसूस होना एक आम लेकिन परेशान करने वाली समस्या है, जिसे मेडिकल भाषा में डिसुरिया (Dysuria) कहा जाता है. यह जलन किसी भी उम्र और लिंग के व्यक्ति को हो सकती है. ज्यादातर मामलों में, यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत नहीं होती, बल्कि मूत्र प्रणाली (Urinary System) में किसी तरह की गड़बड़ी या संक्रमण (Infection) के कारण होती है.

पेशाब में जलन के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से मुख्य कारण, उनके लक्षण और उपचार की जानकारी नीचे 800 शब्दों में दी गई है.

पेशाब के बाद जलन क्यों होती है? | Peshab Karne Ke Bad Dard Kyon Hota Hai

1. मूत्र मार्ग का संक्रमण (UTI - Urinary Tract Infection)

पेशाब में जलन का सबसे प्रमुख और आम कारण मूत्र मार्ग का संक्रमण यानी यूटीआई है. यह तब होता है जब बैक्टीरिया (आमतौर पर ई. कोली) मूत्र मार्ग (Urethra) या मूत्राशय (Bladder) में प्रवेश कर जाते हैं और वहाँ बढ़ने लगते हैं.

महिलाओं में अधिक आम: महिलाओं का मूत्रमार्ग छोटा होता है, जिससे बैक्टीरिया को मूत्राशय तक पहुंचने में कम समय लगता है. इसलिए, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यूटीआई अधिक बार होता है.
पुरुषों में: पुरुषों में यह समस्या कम होती है, लेकिन प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याओं के कारण भी हो सकती है.

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यूटीआई के मुख्य लक्षण (UTI Ke Lakshan) :

  1. पेशाब करते समय तेज जलन या दर्द.
  2. बार-बार पेशाब आने की तीव्र इच्छा, भले ही मूत्राशय भरा न हो.
  3. पेशाब का रंग धुंधला (Cloudy) होना या उसमें तेज गंध आना.
  4. कभी-कभी पेशाब में खून आना.
  5. पेट के निचले हिस्से या पीठ के निचले हिस्से में दर्द.
  6. बुखार और कंपकंपी (संक्रमण किडनी तक फैलने पर).

2. यौन संचारित संक्रमण (STI - Sexually Transmitted Infection)

कुछ संक्रमण जो असुरक्षित यौन संबंध बनाने से फैलते हैं, वे भी पेशाब में जलन का कारण बन सकते हैं. ये संक्रमण मूत्रमार्ग में सूजन पैदा करते हैं.

मुख्य रोग: क्लैमाइडिया (Chlamydia), गोनोरिया (Gonorrhea), और जेनिटल हर्पीस (Genital Herpes).
लक्षण: पेशाब में जलन के साथ-साथ जननांगों में खुजली, असामान्य डिस्चार्ज (स्राव), या छाले (Sores) दिखाई दे सकते हैं.

3. गुर्दे या मूत्राशय की पथरी (Kidney or Bladder Stones)

जब मूत्र में मिनरल्स (जैसे कैल्शियम या यूरिक एसिड) बहुत अधिक गाढ़े हो जाते हैं, तो वे क्रिस्टल (पथरी) का रूप ले लेते हैं.

जलन का कारण: जब ये पथरी मूत्रवाहिनी (Ureters) या मूत्राशय से गुजरती हैं, तो यह मार्ग को अवरुद्ध कर सकती हैं और अंदरूनी दीवारों को खरोंच सकती हैं, जिससे पेशाब में तेज दर्द और जलन होती है.
अन्य लक्षण: पेट के साइड में या पीठ में असहनीय तेज दर्द, उल्टी, और पेशाब में खून आना.

4. प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याएं (Prostate Problems in Men)

पुरुषों में 50 वर्ष की आयु के बाद प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने लगती है, जिसे सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) कहते हैं.

जलन का कारण: बढ़ी हुई प्रोस्टेट ग्रंथि मूत्रमार्ग पर दबाव डालती है, जिससे पेशाब का प्रवाह बाधित होता है. मूत्र पूरी तरह से बाहर नहीं निकल पाता, जिससे संक्रमण हो सकता है और जलन महसूस होती है.
अन्य लक्षण: पेशाब करने में कठिनाई, पेशाब की धार कमजोर होना, और रात में बार-बार पेशाब आना.

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5. गैर-संक्रामक कारण (Non-Infectious Causes)

जलन हमेशा किसी संक्रमण के कारण नहीं होती; कुछ दैनिक आदतें या अन्य स्थितियाँ भी इसके लिए ज़िम्मेदार हो सकती हैं:

पानी की कमी (Dehydration): जब आप पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं, तो आपका मूत्र अत्यधिक गाढ़ा (Concentrated) और अम्लीय (Acidic) हो जाता है. यह गाढ़ा, अम्लीय मूत्र मूत्रमार्ग को परेशान करता है, जिससे पेशाब के बाद जलन महसूस होती है.
रसायनिक जलन (Chemical Irritation): कुछ उत्पाद जिनमें कठोर रसायन होते हैं, जननांग क्षेत्र को परेशान कर सकते हैं:

  • तेज साबुन या बॉडी वॉश.
  • परफ्यूम वाले टॉयलेट पेपर या सैनिटरी पैड.
  • कपड़े धोने वाले डिटर्जेंट.

इंटरस्टिशियल सिस्टिटिस (Interstitial Cystitis - IC): यह एक ऐसी पुरानी स्थिति है जिसमें मूत्राशय की दीवार में सूजन और दर्द होता है, जिससे पेशाब के दौरान और बाद में जलन होती है.
दवाएँ: कुछ दवाएँ (जैसे कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएँ) भी मूत्रमार्ग में जलन पैदा कर सकती हैं.

डॉक्टर से तुरंत कब मिलें? (Warning Signs)

अगर आपको पेशाब में जलन के साथ-साथ निम्न में से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:

1.  तेज बुखार और कंपकंपी.
2.  पीठ के निचले हिस्से या पेट के निचले हिस्से में तेज़ दर्द.
3.  पेशाब में खून आना (जिसे हेमेटुरिया कहते हैं).
4.  जी मिचलाना और उल्टी होना.
5.  लगातार तीन दिन से ज़्यादा जलन होना.

पेशाब के बाद जलन के घरेलू उपचार और बचाव के तरीके (Home Remedies and Prevention)

जब तक आप डॉक्टर से सलाह नहीं ले लेते, तब तक जलन कम करने के लिए ये उपाय अपना सकते हैं:

खूब पानी पिएं: यह सबसे ज़रूरी है. ज़्यादा पानी पीने से मूत्र पतला होता है और हानिकारक बैक्टीरिया शरीर से बाहर निकल जाते हैं.
क्रैनबेरी जूस (Unsweetened Cranberry Juice): बिना चीनी वाला क्रैनबेरी जूस पीना यूटीआई के बैक्टीरिया को मूत्राशय की दीवारों से चिपकने से रोकने में मदद कर सकता है.
प्रोबायोटिक्स (Probiotics): दही या प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स का सेवन करने से अच्छे बैक्टीरिया बढ़ते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं.
स्वच्छता: जननांग क्षेत्र को हमेशा साफ और सूखा रखें. महिलाओं को टॉयलेट इस्तेमाल करने के बाद आगे से पीछे की तरफ (Front to back) पोंछना चाहिए ताकि बैक्टीरिया न फैले.
टाइट कपड़े न पहनें: सिंथेटिक और बहुत टाइट अंडरवियर पहनने से बचें.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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