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This Article is From May 25, 2018

जरूरत से ज्यादा पानी पीना भी ठीक नहीं, ये होता है दिमाग पर असर!

यह सूजन कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, जो जानलेवा भी साबित हो सकती हैं.

जरूरत से ज्यादा पानी पीना भी ठीक नहीं, ये होता है दिमाग पर असर!
हाइड्रेशन होने से रक्त में सोडियम का लेवल खतरनाक रूप से नीचे गिर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप मस्तिष्क में सूजन हो सकती है. यह बात खासकर बुजुर्गों और अन्य संवेदनशील व्यक्तियों पर ज्यादा लागू होती है. एक नए शोध में यह जानकारी सामने आई है. शोध में मिली जानकारी के मुताबिक, हाइड्रेशन के कारण टीआरपीवी4 सक्रिय हो जाता है, यह ग्लियल कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक कैल्सियम चैनल है, जो हाइड्रेशन सेंसिंग न्यूरॉन्स के आसपास होता है. यह एक सेलुलर गेटकीपर है, जो शरीर में पानी के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है. 

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सोडियम की अहमियत
शोध के मुताबिक, रक्त में सोडियम का लेवल असामान्य रूप से कम होने पर हाइपोनेट्रिमिया हो जाता है. सोडियम एक इलेक्ट्रोलाइट है और यह कोशिकाओं के अंदर और आसपास पानी की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है. जब कोई बहुत अधिक पानी पीता है, तो यह शरीर में पानी के स्तर में वृद्धि का कारण बनता है और कोशिकाएं सूखने लगती हैं. यह सूजन कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, जो जानलेवा भी साबित हो सकती हैं. 

ओवर हाइड्रेशन
हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, "ओवर हाइड्रेशन को आप पानी का नशा समझ सकते हैं. इस हालत में, शरीर में नमक और अन्य इलेक्ट्रोलाइट्स का घोल बहुत पतला हो जाता है. एक व्यक्ति जो सामान्य मात्रा में पानी पीता है, उसका मूत्र पारदर्शी पीले रंग का होता है. हालांकि ज्यादातर लोग मानते हैं कि मृत्र का पारदर्शी होना हाइड्रेशन का सबसे स्वस्थ संकेत है. बिना किसी रंग के मूत्र का यह संकेत भी हो सकता है कि व्यक्ति बहुत ज्यादा पानी पी रहा है."

कितना पानी है जरूरी
  • पानी का एक आदर्श स्तर एक दिन में आठ से दस गिलास का है. यह व्यक्ति की ऊंचाई, वजन और व्यायाम पैटर्न के आधार पर भिन्न हो सकता है. 
  • बहुत सारा पानी पीने या शरीर से इसे हटाने का एक प्रभावी तंत्र न होने से शरीर में पानी इकट्ठा हो सकता है. 
  • यह रक्त में महत्वपूर्ण पदार्थों को डायल्यूट या पतला करता है.

 

 

 


क्या हो सकता है परिणाम 
ओवर हाइड्रेशन के कुछ सामान्य लक्षणों में मतली और उल्टी, सिरदर्द, मानसिक स्थिति में परिवर्तन जैसे भ्रम या विचलन आदि शामिल हैं. बाद में या इलाज नहीं किये जाने पर इससे मांसपेशियों की कमजोरी, स्पेज्म या ऐंठन, दौरे, बेहोशी और कोमा की स्थिति भी पैदा हो सकती है.


हाइपोनेटेज्मिया को बढ़ावा
कुछ अन्य स्थितियां जो हाइपोनेटेज्मिया का कारण बन सकती हैं, उनमें शामिल हैं- कुछ दवाएं, दिल, गुर्दे, या लिवर के साथ समस्याएं, पुराने दस्त और हार्मोनल परिवर्तन. इसके कारण का पता लगाना महत्वपूर्ण है और अति-हाइड्रेशन को रोकने के लिए पर्याप्त सावधानी बरतें. ऐसा न होने पर स्थिति गंभीर हो सकती है.

क्या हैं बचाव 
  • खुद को शिक्षित करें और संकेतों व लक्षणों से अवगत रहें. 
  • उच्च तीव्रता वाली गतिविधियों के दौरान सावधानी बरतें. 
  • एथलीटों को केवल उतना ही तरल पदार्थ पीना चाहिए, जितना वे दौड़ के दौरान पसीने से बाहर निकाल देते हैं. 
  • मैराथन, ट्रायथलॉन और अन्य जोरदार गतिविधियों में भाग लेने के दौरान इलेक्ट्रोलाइट्स वाले स्पोर्ट्स ड्रिंक्स या पानी के बारे में अपने डॉक्टर से सलाह लें.

- इनपुट आईएएनएस 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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