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This Article is From Apr 24, 2020

Ramadan 2020: इबादत के महीने रमजान में रोजेदार इन 4 तरीकों से बनाएं सेवइयां, जानें रमजान में क्या होता है सहरी और इफ्तार

Ramadan 2020: रमजान की शुरुआत चांद को देखकर की जाती है. इस बार रमजान की तारीख (Ramadan Date) अभी तक साफ नहीं है. ऐसे में कुछ लोग सवाल कर रहे हैं है कि 2020 रमजान कब है (When Is Ramadan 2020) या रोजा कब से हैं? यहां जानें रमजान के बारे में सब कुछ और सहरी और इफ्तार (Sahri And Iftar) के लिए रमजान स्पेशल डिशेज (Ramdan Special Dishes), जिन्हें आप घर पर ट्राई कर सकते हैं.

Ramadan 2020: इबादत के महीने रमजान में रोजेदार इन 4 तरीकों से बनाएं सेवइयां, जानें रमजान में क्या होता है सहरी और इफ्तार
Ramdan 2020: क्यों मनाया जाता है रमजान, यहां जानें रमजान के बारे में सब कुछ,

Ramadan 2020: इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, साल का नौवां महीना रमजान का होता है. इस्लाम धर्म के सबसे पाक महीनों में शुमार रमजान (Ramzan) का महीना शुरू होने वाला है. इसे इबादत का महीना कहा जाता है, जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा अनिवार्य रूप से रोजा (Roja) रखा जाता है. रमजान के पूरे महीने (29 या 30 दिन) तक मुस्लिम समुदाय के लोग रोजे रखते हैं, कुरान पढ़ते हैं. रमजान की शुरुआत चांद को देखकर की जाती है. इस बार रमजान की तारीख (Ramadan Date) अभी तक साफ नहीं है. ऐसे में कुछ लोग सवाल कर रहे हैं है कि 2020 रमजान कब है (When Is Ramadan 2020) या रोजा कब से हैं? हर दिन की नमाज के अलावा रमजान में रात के वक्त एक विशेष नमाज भी पढ़ी जाती है, जिसे तरावीह कहते हैं. इस साल अगर चांद 23 अप्रैल को दिखाई देता है तो 24 अप्रैल को पहला रोजा (First Roza) रखा जाएगा. आज चांद का दीदार होने की संभावना है. इसलिए कल शनिवार 25 अप्रैल को रमजान का पहला रोजा रखा जा सकता है. वहीं देश के कुछ हिस्सों में गुरुवार से रमजान की शुरुआत हो चुकी है. मुस्लिम समुदाय के लोग साल भर रमजान का बेसब्री से इंतजार करते हैं, क्योंकि ऐसी मान्यताएं हैं कि इस महीने अल्लाह अपने बंदों को बेशुमार रहमतों से नवाजता है और दोजख (जहान्नम) के दरवाजे बंद कर के जन्नत (स्वर्ग) के दरवाजे खोल देता है. यहां जानें रमजान के बारे में सब कुछ और सहरी और इफ्तार (Sahri And Iftar) के लिए रमजान स्पेशल डिशेज (Ramdan Special Dishes), जिन्हें आप घर पर ट्राई कर सकते हैं.

इस्लाम में बेहद पवित्र माना जाता है रमजान माह

इस्लाम मजहब में रमजान के महीने को बेहद पाक (पवित्र) माना जाता है. मान्यता के अनुसार, रमजान महीना अल्लाह की इबादत के लिए होता है. इस महीने रोजा (उपवास) रखें जाते हैं. पांचों वक्त की नवाज अदा की जाती है. कहा जाता है कि इस महीने की जाने वाली इबादत का सवाब अन्य महीनों से कई गुना ज्यादा मिलता है. रोजेदार के लिए अल्लाह जन्नत की राह खोल देता है.

रमजान में क्या होता है सहरी और इफ्तार

रमजान के दिनों में सूर्योदय से पहले खाए गए खाने को सहरी कहा जाता है. वहीं, सूर्यास्त के बाद शाम में रोजा खोलने को इफ्तार कहा जाता है. जबकि सहरी के बाद दिन भर लोग निर्जला उपवास रखते हैं, जिसमें अन्न और जल निषेध माना जाता है. रमजान के दिनों में अशरे होते हैं, जिन्हें क्रमशः रहमत, मगफिरत और तीसरा जहन्नुम कहा जाता है. सात साल से अधिक उम्र का व्यक्ति रोजा रख सकता है.

रमजान में इन 4 तरीकों से बनाएं सेवई | These 4 Ways To Make Sewai In Ramadan

1. शीर कुर्मा 

ईद के अवसर पर सेवइयां जरूर बनाई जाती हैं, शीर कुर्मा सेवई, खूजर, दूध, नारियल, इलाइची, खस और बादाम से तैयार की जाती है. शीर का अर्थ फारसी और कुर्मा का मतलब खजूर है. यह रेसिपी आपकी ईद और रमजान को और भी स्पेशल बना देगी. यहां जानें शीर कुर्मा बनाने की विधि.

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2. गुलकंद सेवई

त्योहार को और मीठा बनाने के लिए सेवई में आप चीनी के साथ गुलकंद डालकर इसे ट्विस्ट दें सकते हैं. आपको सेवई का यह स्वाद बेहद ही पसंद आएगा. साथ ही इसमें गुलाब जल डालना न भूलें. यहां जानें बनाने की रेसिपी.

3. ऑरेंज किनोआ सेवई

सेवई एक लोकप्रिय इंडियन डिज़र्ट है, जिसे ऑरेंज और किनोआ का ट्विस्ट देकर तैयार किया गया है. गुड़ और नट्स इसके स्वाद को और भी बढ़ा देते हैं. इस स्पेशल सेवई बनाने की यहां जानें रिसिपी.

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4. सेवई की बर्फी

सेवई तो आपने कई बार खाई होगी लेकिन क्या सेवई से बनी बर्फी का स्वाद आपने चखा है, अगर नहीं तो इस बार इस स्वादिष्ट सेवई बर्फी को ट्राई करें. यह एक बहुत ही बढ़िया फेस्टिवल डिज़र्ट है, सेवई की बर्फी रोस्टड सेवई, चीनी, दूध और खोए से तैयार की जाती है.

रमजान में होने वाली प्रमुख रस्में

इस्लाम की रवायत के अनुसार, रमजान के महीने में रोजा रखना अनिवार्य होता है. रमजान के महीने में सहरी और इफ्तार ये दो महत्वपूर्ण रस्में होती हैं. रमजान के दिनों में सुबह के समय में जब भोजन किया जाता है तो उसे सहरी कहते हैं. सहरी दिन में सूरज के निकलने से पहले किया जाता है. सेहरी करने को सुन्नत कहते है. वहीं दिनभर रोजा रखने के बाद शाम के समय जब सूरज डूब जाता है तब रोजा खोला जाता है इसे इफ्तार कहा जाता है.

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