मां चंद्रघंटा को दूध का भोग प्रिय है. इसलिए भक्त उन्हे दूध या दूध से बनी डिश का भोग लगाते हैं.
खास बातें
- मां चंद्रघंटा को दूध का भोग प्रिय है.
- नवरात्रि के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है.
- माना जाता है मां चंद्रघंटा को घंटों की नाद बेहद प्रिय है.
Navratri Maa Chandrghanta Puja 2020: आज नवरात्रि का तीसरा दिन है और इस दिन मां चंद्रघंटा (Maa Chandrghanta) की पूजा होती है. मां चंद्रघंटा के मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण से इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है. इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है. इनके दस हाथ हैं. इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं. इनका वाहन सिंह है. इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उद्यत रहने की होती है. मान्यता है कि माँ का स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है. माना जाता है मां चंद्रघंटा को घंटों की नाद बेहद प्रिय है. वे इससे दुष्टों का संहार करती हैं, इसलिए इनकी पूजा में घंटा बजाने का खास महत्व होता है. मान्यता है कि पूजा के दौरान घंटा बजाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सुख सम्पन्नता आती है. मां को लाल रंग बेहद पसंद है. इसलिए इन्हें लाल रंग की चुनरी और लाल रंग के फूल चढ़ाए जाते हैं. तो चलिए जानते हैं मां चंद्रघंटा की पूजा विधि और भोग के बारे में.
मां चंद्रघंटा भोगः