Navratri 1st Day 2021: कल है नवरात्रि का पहला दिन, नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री (Mata Shailputri) की उपासना की जाती है. और इसी दिन घटस्थापना भी करते हैं. जिसे कलश स्थापना (Kalash Sthapana) भी कहा जाता है. जौ बोने के साथ-साथ कई लोग अखंड ज्योति भी जलाते है. हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. साल भर में चार नवरात्रि पड़ती हैं. लेकिन धूम-धाम से चैत्र और शारदीय नवरात्रि को मनाया जाता है. इस साल शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2021) 7 अक्टूबर यानि कल से शुरू होकर 15 अक्टूबर यानि विजय दशमी (Vijay Dashmi) के साथ पूरे होंगे. माना जाता है जो भक्त मां कि भक्ति भाव से आराधना करते हैं, मां दुर्गा 9 दिनों तक उनके घरों में विराजमान रहकर उनपर अपनी कृपा बरसाती हैं. माता रानी के इन नौ दिनों को बहुत ही पवित्र माना जाता है. इन नौ दिनों तक मास, शराब आदि का सेवन नहीं किया जाता. कई लोग इन नौ दिनों तक प्याज, लहसुन का भी सेवन नहीं करते हैं. माता की आराधना करने के लिए कुछ भक्त नौ दिनों तक भक्ति भाव से व्रत का पालन करते हैं. कुछ भक्त फलाहार व्रत करते हैं तो कुछ निर्जला व्रत. नवरात्रि में पहले दिन से लेकर, अंतिम दिन तक मां भगवती को उनका मनपसंद भोग चढ़ाया जाता है. माता को अलग-अलग तरह के पकवानों का भोग लगाया जाता है.
बादाम हलवा रेसिपीः (Badam Ka Halwa Recipe)
हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. साल भर में चार नवरात्रि पड़ती हैं. लेकिन धूम-धाम से चैत्र और शारदीय नवरात्रि को मनाया जाता है. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की उपासना की जाती है. मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप को गाय के घी से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है. आप उन्हें घी से बना हलवे का भोग में लगा सकते हैं. घी का हलवा बनाने के लिए बादाम को छीलकर उसका पेस्ट बनाकर घी में भून लें. ये खाने में स्वादिष्ट और बनाने में काफी आसान है. इसे आप माता को चढ़ाने के बाद व्रत में भी खा सकते हैं. पूरी रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें.
साल भर में चार नवरात्रि पड़ती हैं. लेकिन धूम-धाम से चैत्र और शारदीय नवरात्रि को मनाया जाता है.
पूजा सामग्रीः (Pujan Samagri)
माता की पूजा में लाल रंग की चुनरी रखें. माना जाता है कि मां दुर्गा को लाल रंग अधिक पसंद है. मां के लिए लाल चुनरी, कुमकुम, मिट्टी का पात्र, जौ, साफ की हुई मिट्टी, जल से भरा हुआ सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का कलश, लाल सूत्र, मौली, इलाइची, लौंग, कपूर, साबुत सुपारी, साबुत चावल, सिक्के, अशोक या आम के पांच पत्ते, पानी वाला नारियल, फूल माला और नवरात्रि कलश मंगा लें. पूजा के लिए लाल रंग के आसन का इंतजाम कर लें. आसन ना होने पर आप लाल रंग के कपड़े का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
मां शैलपुत्री मंत्रः (Mata Shailputri Mantra)
या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:
डॉक्टरों ने कहा था Count Your Days,अब कैंसर को हरा खुशियां गिन रहा है अमित
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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