Makar Sankranti 2020: मकर संक्रांति कब है अगर आप भी यही जानना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि 15 जनवरी, 2020 के दिन यानी बुधवार को मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2020) का त्योहार मनाया जाएगा. मकर संक्रांति का महत्व (Makar Sankranti Significance) इसी बात से समझा जा सकता है कि तकरीबन पूरे उत्तर भारत में जैसे दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, बिहार, बंगाल और उड़ीसा में मनाया जाता है. आमतौर पर 14 और 15 जनवरी के दिन मकर संक्रांति बनाई जाती है. चलिए जानते हैं कैसे मनाते हैं मकर संक्रांति. इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं और पतंगें उड़ाते हैं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मकर संक्रांति के मौके पर कुंभ (Kumbh 2020) की शुरुआत हो रही है जहां लाखों लोग गंगा किनारे इकट्ठा होकर स्नान (Ganga Snan) करेंगे. इसके साथ ही साथ ठंड से परेशान लोगों के लिए भी यह एक राहत भरा दिन है, क्योंकि इसी दिन से मौसम करवट लेना शुरू कर देता है और मौसम हल्का हल्का गर्म होना शुरू हो जाता है. इसे बाद बसंत ऋतु (Basant Ritu) का आगमन होता है.
कब है मकर संक्रांति 2020 : तिथि, शुभ मुहूर्त, इतिहास, महत्व और पूजा विधि (Makar Sankranti 2020: Date, Time, Puja Muhurat, History, Significance)
मकर संक्रांति पर फूड (Makar Sankranti 2020: Food)
मकर संक्रांति के मौके पर उत्तराखंड में क्या बनाया जाता है: मकर संक्रांति के मौके पर आंचल के अनुसार ही आहार और खाने-पीने की चीजें भी बनाई जाती हैं. उत्तराखंड में मीठे आटे को घी में डीप फ्राई करके स्वीट डिश बनाने की अनोखी परंपरा है. इन मिठाईयों को अलग-अलग आकार में बनाया जाता है, और काले कौव्वे को खिलाया जाता है.
मकर संक्रांति के मौके पर पंजाब में क्या बनाया जाता है: वहीं पंजाब मकर संक्रांति के व्यंजनों में गजक, रेवड़ी और तिल के लड्डू मुख्य रूप से बनाए जाते हैं.
मकर संक्रांति के मौके पर महाराष्ट्र में क्या बनाया जाता है: महाराष्ट्र में लोग इस त्योहार पर एक-दूसरे को तिल के लड्डू खिलाते हुए कहते हैं 'तिल-गुल घ्या, आणि गोड-गोड बोला. इसका मतलब होता है कि तिल और गुड़ खाओ और अच्छा-अच्छा बोलो. महाराष्ट्र में इस वक्त पूरन पोली भी तैयार की जाती है, जो कि मूंग के साथ मीठी रोटी होती है.
मकर संक्रांति के मौके पर उत्तर भारत में क्या बनाया जाता है: वहीं तिल चिक्की, गजक, रेवड़ी, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में इस त्योहार पर खूब पसंद की जाती है.
मकर संक्रांति के मौके पर बिहार में क्या बनाया जाता है: बिहार में लोग दही चूरा और गुड़ में पके हुए चावल बनाते हैं. इसके साथ ही कई मसालों में बनी स्वादिष्ट खिचड़ी भी यहां बनाई जाती है. तिल के लड्डू, गुड़ से बने लड्डू भी यहां खूब पसंद किए जाते हैं.
बंगाल में कैसे मनाते हैं मकर संक्रांति: बंगाल की पौष संक्रांति में दूध पुली बनाई जाती है जो नारियल-गुड़ में बने चावल और आटे की पकौड़ी होती है, वहीं पीठे की पुली, पेष्टीपा, रसगुल्ला भी इस दिन बनाए जाते हैं. गुजरात में लोग इस दिन स्वादिष्ट अंहियो तैयार करते हैं.
मकर संक्रांति का इतिहास और महत्व (Makar Sankranti 2020: History and Significance)
माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन ही भगीरथ के आग्रह और तप से प्रभावित होकर गंगा उनके पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम पहुंची और वहां से होते हुए वह समुद्र में जा मिली थीं. यही वहज है कि इस दिन गंगा स्नान का खास महत्व है. मकर संक्रांति के दिन से ही प्रयागराज में कुंभ की शुरुआत होती है. जहां लाखों लोग गंगा में डुबकी लगाते हैं.
मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त (Makar Sankranti 2020: Date, Time, Muhurat)
कब है मकर संक्रांति 2020- 15 जनवरी
संक्रांति काल- 15 जनवरी को सुबह 07:19 बजे से
मकर संक्रांति का पुण्यकाल- 15 जनवरी को 07:19 से 12:31 तक
मकर संक्रांति का महापुण्य काल- 07:19 से 09: 03 बजे तक
मकर संक्रांति के स्नान का समय- 15 जनवरी 2020 को सुबह-सुबह
मकर संक्रांति पूजा विधि (Makar Sankranti Puja Vidhi)
मकर संक्रांति के दिन व्रत रखने का प्रावधान माना जाता है. इस दिन पूजा करने के लिए तिल को पानी में मिलाकार नहाने की बात कही जाती है. पूजा से पहले नहाने के पानी में गंगा जल भी ड़ाला जा सकता है. नहाने के बाद सूर्यदेव की पूजा-अर्चना की जाती है. वहीं, मकर संक्रांति पर पूर्वजों और पितरों को तर्पण करने का भी प्रावधान है.
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