गुरमीत राम रहीम सिंह की फ़िल्म 'मेसेंजर ऑफ़ गॉड' को सेंसर बोर्ड की हरी झंडी मिल गई है। सेंसर बोर्ड की ट्राइब्युनल कमेटी ने चंद बदलाव के साथ फ़िल्म रिलीज़ के लिए हरी झंडी दिखा दी है। ट्राइब्यूनल ने कुछ सीन्स को म्यूट करने के लिए कहा है।
हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि इस फिल्म को रिलीज कब किया जाएगा। आज दोपहर 2 बजे इस फिल्म का गुड़गांव में प्रीमियर होना है। इसके बाद फिल्म के निर्माता इसका फैसला लेंगे कि फिल्म कब रिलीज होगी।
दिल्ली के सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम में गुरुवार देर रात तक 'मेसेंजर ऑफ़ गॉड' को ट्राइब्युनल के सदस्यों ने देखा और चंद बदलाव के साथ फ़िल्म को रिलीज़ के लायक बताया। एनडीटीवी से बात करते हुए ट्राइब्युनल के सदस्य वकील हरीश मल्होत्रा ने बताया कि कुछ सीन्स को म्यूट करने की ज़रूरत है उसके बाद फ़िल्म रिलीज़ की जा सकती है।
हालांकि डेरा सच्चा सौदा की ओर से कहा जा रहा है कि फ़िल्म की रिलीज़ आहिस्ता आहिस्ता थिएटरों में होगी, बदलाव के कारण एक साथ ज़्यादा प्रिंट्स सभी सिनेमाघरों में पहुंचाना मुश्किल है।
डेरा सच्चा सौदा और सिख समुदाय के बीच तकरार को देखते हुए गृहमंत्रालय ने अपने एक एडवाइज़री में फ़िल्म रिलीज़ से पंजाब और हरियाणा की कानून व्यवस्था बिगड़ने का चिंता ज़ाहिर की थी।
और सेंसर बोर्ड की एक्ज़ामिनिंग कमिटी के साथ साथ रिवाइसिंग कमेटी ने भी पहले फिल्म को पास करने से मना कर दिया था और ट्राइब्युनल को आखिरी फ़ैसला लेने के लिए कहा था। ट्राइब्युनल के फ़ैसले ने 'मेसेंजर ऑफ़ गॉड' की टीम को बड़ी राहत पहुंचाई है।
एमएसजी के लेखक, निर्देशक, निर्माता, नायक और गायक, डेरा सच्चा सौदा के मुखिया गुरमीत राम रहीम सिंह खुद हैं। फ़िल्म के प्रति दर्शकों की उत्सुकता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रिलीज़ से हफ्ता भर पहले ही टिकट की ऑनलाइन बुकिंग साइट पर पहले वीकेंड के लिए 50 फ़ीसदी टिकट एडवांस में बुक हो चुकी थीं।
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