मुंबई:
बॉलीवुड में हड़ताल आज सुबह से शुरू हो चुकी है। इसके तहत किसी भी फ़िल्म या टीवी की शूटिंग बंद करा दी गई है। ये हड़ताल फेडरेशन ऑफ़ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लाइज यानि FWICE की तरफ से की गई है, जिसके अंतर्गत कामगारों की 22 अलग-अलग संस्थाएं आती हैं।
बॉलीवुड की ये हड़ताल उस समय तक चलेगी, जब तक निर्माता इनकी शर्तें नहीं मान लेते। इस हड़ताल में एक्टर्स से लेकर तकनीशियन तक सभी शामिल हैं। आज सुबह से ही कामगारों की भीड़ दादासाहेब फाल्के चित्रनगरी दरवाज़े पर खड़ी है और इस बात पर नज़र रखे हुए हैं कि कहीं कोई शूटिंग न हो।
बॉलीवुड में काम कर रहे ये कामगार अपना नया MOU साइन करवाना चाहते हैं, जिसकी मियाद पिछली फरवरी में ख़त्म हो चुकी है। ये MOU हर 5 साल में साइन होता है।
इस बार नए एग्रीमेंट में कामगारों की मांगों में उनका मेहनताना, सुरक्षा, समय पर भुगतान, काम करने की समय सीमा और बीमा शामिल हैं। इनके मुताबिक, इनका मेहनताना 3 से 6 महीने बाद मिलता है। 18-18 घंटे काम करवाया जाता है और इसके लिए इन्होंने निर्माताओं के सामने कुछ इस प्रकार की मागें रखी हैं...
FWICE ने प्रोड्यूसरों की संस्था से MoU में शामिल करने के लिए ये मुख्य मांगें की है..
सिने आर्टिस्ट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी और अभिनेता सुशांत सिंह ने अपने भेजे सन्देश में कहा है कि 'ये निर्माता कह रहे हैं की जो शूटिंग पर नहीं आएगा उसे बदल दिया जाएगा। हमें एकजुट होकर इनके खिलाफ आवाज़ उठानी है।'
वहीं, साउंड इंजीनियरों की एसोसिएशन के अध्यक्ष बी एन तिवारी ने बताया कि 'हम सब मिलकर एक साथ हड़ताल पर जा चुके हैं और जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती, हम हड़ताल पर रहेंगे।'
ऐसे में निर्माताओं के साथ-साथ सभी कामगारों का भी नुकसान हो रहा है। ख़ास तौर से रोज़ाना काम करके कमाने वालों का। निर्माताओं की एसोसिएशन इम्पा के पूर्व उपाध्यक्ष और निर्माता विनय मेहता ने कहा कि 'इस हड़ताल से हम सबका नुकसान है। हड़ताल के कारण मेरी फ़िल्म की शूटिंग भी बंद हो गई है। हम लोग बात कर रहे हैं और कोई न कोई समाधान जल्दी निकलेगा।'
बॉलीवुड की ये हड़ताल उस समय तक चलेगी, जब तक निर्माता इनकी शर्तें नहीं मान लेते। इस हड़ताल में एक्टर्स से लेकर तकनीशियन तक सभी शामिल हैं। आज सुबह से ही कामगारों की भीड़ दादासाहेब फाल्के चित्रनगरी दरवाज़े पर खड़ी है और इस बात पर नज़र रखे हुए हैं कि कहीं कोई शूटिंग न हो।
बॉलीवुड में काम कर रहे ये कामगार अपना नया MOU साइन करवाना चाहते हैं, जिसकी मियाद पिछली फरवरी में ख़त्म हो चुकी है। ये MOU हर 5 साल में साइन होता है।
इस बार नए एग्रीमेंट में कामगारों की मांगों में उनका मेहनताना, सुरक्षा, समय पर भुगतान, काम करने की समय सीमा और बीमा शामिल हैं। इनके मुताबिक, इनका मेहनताना 3 से 6 महीने बाद मिलता है। 18-18 घंटे काम करवाया जाता है और इसके लिए इन्होंने निर्माताओं के सामने कुछ इस प्रकार की मागें रखी हैं...
FWICE ने प्रोड्यूसरों की संस्था से MoU में शामिल करने के लिए ये मुख्य मांगें की है..
- सभी क्राफ्ट्स के कामगारों का 'Minimum Wages' बढ़ाया जाए।
- अधिकतम 1 महीने की समय सीमा में सभी कामगारों के पारिश्रमिक का भुगतान कर दिया जाए।
- शूटिंग की अधिकतम समय सीमा 12 घंटे हो।
- सभी कामगारों के लिए शूटिंग सेट पर सुरक्षा उपायों के साथ ही बीमा की भी व्यवस्था हो।
- सभी कामगारों को शूटिंग के पहले 'एग्रीमेंट' दिया जाए।
सिने आर्टिस्ट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी और अभिनेता सुशांत सिंह ने अपने भेजे सन्देश में कहा है कि 'ये निर्माता कह रहे हैं की जो शूटिंग पर नहीं आएगा उसे बदल दिया जाएगा। हमें एकजुट होकर इनके खिलाफ आवाज़ उठानी है।'
वहीं, साउंड इंजीनियरों की एसोसिएशन के अध्यक्ष बी एन तिवारी ने बताया कि 'हम सब मिलकर एक साथ हड़ताल पर जा चुके हैं और जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती, हम हड़ताल पर रहेंगे।'
ऐसे में निर्माताओं के साथ-साथ सभी कामगारों का भी नुकसान हो रहा है। ख़ास तौर से रोज़ाना काम करके कमाने वालों का। निर्माताओं की एसोसिएशन इम्पा के पूर्व उपाध्यक्ष और निर्माता विनय मेहता ने कहा कि 'इस हड़ताल से हम सबका नुकसान है। हड़ताल के कारण मेरी फ़िल्म की शूटिंग भी बंद हो गई है। हम लोग बात कर रहे हैं और कोई न कोई समाधान जल्दी निकलेगा।'
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