नई दिल्ली:
बॉलीवुड अभिनेता शाहरूख खान के आलीशान बंगले ‘मन्नत’ पर उठा विवाद उच्चतम न्यायालय पहुंच गया है, जहां एक याचिका दायर कर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने सपनों का महल बनाने में नियमों का उल्लंघन किया।
यचिका में आरोप लगाया गया है कि ‘मन्नत’ का निर्माण करने में पुरातात्विक कानूनों और तटीय क्षेत्र नियम का उल्लंघन किया गया।
मुंबई के सिमप्रीत सिंह और अमित मरौंद ने शीर्ष न्यायालय का रूख कर बंबई उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसके जरिए खान के खिलाफ उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने इन दोनों लोगों की ओर से दायर जनहित याचिका को 28 जनवरी को खारिज कर दिया और उन पर 20,000 रूपये का जुर्माना लगाते हुए कहा था कि प्रचार पाने के लिए यह याचिका दायर की गई।
जनहित याचिका में आरोप लगाया गया था कि अभिनेता ने पर्यावरण एवं धरोहर कानूनों का उल्लंघन कर अपने बंगला परिसर के अंदर भवन का निर्माण किया।
हालांकि, खान ने दलील दी थी कि नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ है और नगर निकाय ने निर्माण कार्य की इजाजत दी थी।
यचिका में आरोप लगाया गया है कि ‘मन्नत’ का निर्माण करने में पुरातात्विक कानूनों और तटीय क्षेत्र नियम का उल्लंघन किया गया।
मुंबई के सिमप्रीत सिंह और अमित मरौंद ने शीर्ष न्यायालय का रूख कर बंबई उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसके जरिए खान के खिलाफ उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने इन दोनों लोगों की ओर से दायर जनहित याचिका को 28 जनवरी को खारिज कर दिया और उन पर 20,000 रूपये का जुर्माना लगाते हुए कहा था कि प्रचार पाने के लिए यह याचिका दायर की गई।
जनहित याचिका में आरोप लगाया गया था कि अभिनेता ने पर्यावरण एवं धरोहर कानूनों का उल्लंघन कर अपने बंगला परिसर के अंदर भवन का निर्माण किया।
हालांकि, खान ने दलील दी थी कि नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ है और नगर निकाय ने निर्माण कार्य की इजाजत दी थी।
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