शाहरुख खान की फिल्म 'रईस' 25 जनवरी को रिलीज होगी.
नई दिल्ली:
शाहरुख खान की आगामी फिल्म 'रईस' कई वजहों से चर्चा में बनी हुई है. फिल्म में वह गुजरात के शराब कारोबारी रईस आलम की भूमिका निभा रहे हैं. यह कहानी रईस के शराब व्यवसायी से राजनेता बनने के सफर की कहानी है. फिल्म के कुछ डायलॉग काफी पसंद किए जा रहे हैं. समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार 'रईस' के एक डायलॉग ने मुंबई के मोची को काफी प्रेरित किया है और अब उनकी दुकान की दीवारों पर उस डायलॉग के पोस्टर चिपके हुए हैं. यह खबर जब शाहरुख तक पहुंची तो उन्होंने इस बारे में ट्वीट करते हुए लिखा, 'मैं उम्मीद करता हूं कि हम सभी में अपने और दूसरों के काम के प्रति सम्मान का भाव आए. हर धंधा बड़ा होता है.'
फिल्म के ट्रेलर में शाहरुख के डायलॉग, 'कोई धंधा छोटा नहीं होता और धंधे से बड़ा कोई धरम नहीं होता' से मुंबई में मोची की दुकान चलाने वाले श्याम बहादुर रोहिदास काफी प्रभावित हुए हैं. श्याम उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर के रहने वाले हैं और उनकी अपनी कहानी भी कम दिलचस्प नहीं हैं. उन्होंने एएनआई को बताया, 'मेरे पिता एक फैक्ट्री में काम करते थे, काम के बाद खाली समय में वह मोची का काम करते थे. मैं मुंबई काम के लिए आया था और यहां मैंने जूते बनाना सीखा. एक मोची का बेटा होने के बावजूद मैंने अपने दम पर इसमें मास्टरी की है.' उन्होंने आगे कहा, ''मैंने कड़ी मेहनत की है और आज मेरे पास मेरी अपनी दुकान है. मैं अपना खुद का बॉस हूं जिससे मुझे खुशी होती है. मेरा काम ही मेरी पूजा है."
इस बीच फिल्म में शाहरुख खान के कुछ और डायलॉग्स हैं जो काफी पसंद किए जा रहे हैं. जैसे- "बनिये का दिमाग और मियाभाई की डेयरिंग", "जो धंधे के लिए सही वो सही, जो धंधे के लिए गलत वो गलत, इससे ज्यादा कभी सोचा नहीं."
यहां देखें फिल्म का ट्रेलरः
फिल्म के ट्रेलर में शाहरुख के डायलॉग, 'कोई धंधा छोटा नहीं होता और धंधे से बड़ा कोई धरम नहीं होता' से मुंबई में मोची की दुकान चलाने वाले श्याम बहादुर रोहिदास काफी प्रभावित हुए हैं. श्याम उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर के रहने वाले हैं और उनकी अपनी कहानी भी कम दिलचस्प नहीं हैं. उन्होंने एएनआई को बताया, 'मेरे पिता एक फैक्ट्री में काम करते थे, काम के बाद खाली समय में वह मोची का काम करते थे. मैं मुंबई काम के लिए आया था और यहां मैंने जूते बनाना सीखा. एक मोची का बेटा होने के बावजूद मैंने अपने दम पर इसमें मास्टरी की है.' उन्होंने आगे कहा, ''मैंने कड़ी मेहनत की है और आज मेरे पास मेरी अपनी दुकान है. मैं अपना खुद का बॉस हूं जिससे मुझे खुशी होती है. मेरा काम ही मेरी पूजा है."
इस बीच फिल्म में शाहरुख खान के कुछ और डायलॉग्स हैं जो काफी पसंद किए जा रहे हैं. जैसे- "बनिये का दिमाग और मियाभाई की डेयरिंग", "जो धंधे के लिए सही वो सही, जो धंधे के लिए गलत वो गलत, इससे ज्यादा कभी सोचा नहीं."
यहां देखें फिल्म का ट्रेलरः
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं