'मैरी कॉम' फिल्म के निर्देशक ओमंग कुमार की फाइल फोटो
मुंबई:
फ़िल्म 'मैरी कॉम' की सफलता और राष्ट्रीय पुरस्कार के बाद इसके निर्देशक ओमंग कुमार की लॉटरी सी निकल पड़ी है। और उन्हें एक और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फ़िल्म 'शहीद' के निर्देशक हंसल मेहता की फ़िल्म मिल गई।
सरबजीत की ज़िंदगी पर बनने वाली बायोपिक का निर्देशन पहले हंसल मेहता करने वाले थे जिन्होंने एक युवा वकील की ज़िन्दगी से प्रेरित फ़िल्म 'शाहिद' बनाई थी। मगर 'सरबजीत' के निर्माता ज़ीशान क़ादरी ने हंसल मेहता के हाथों से ये फ़िल्म लेकर ओमंग कुमार को सौंप दी।
ओमंग ने पिछले साल बॉक्सर मैरी कॉम की ज़िन्दगी पर फ़िल्म बनाई थी जिसमें प्रियंका चोपड़ा ने मैरी कॉम की भूमिका निभाई थी। सरबजीत के निर्माता ज़ीशान क़ादरी ने कहा, 'मैरी कॉम' नाम की बेहतरीन फ़िल्म बनाई है ओमंग ने।
यहां तक कि उसने राष्ट्रिय पुरस्कार जीता। फ़िल्म के अवार्ड जीतने के बाद मैंने ओमंग से संपर्क किया और वो तैयार हो गए।' वहीं ओमंग ने कहा, 'ऐसा नहीं था कि मैं एक और बायोपिक करना चाहता हूं क्योंकि मैं पहले कर चुका हूं।' मुझे इस कहानी में इंसानी जज़्बात नज़र आया है जो बेहतरीन है।'
गौरतलब है कि सरबजीत नाम के एक भारतीय व्यक्ति को पाकिस्तान में आतंकवाद का आरोप लगाकर 90 के दशक में सज़ा ए मौत सुनाई गई थी। अदालती लड़ाई और छुड़ाने की कर्रवाई चल रही थी कि किसी ने उसकी हत्या जेल के भीतर ही कर दी थी।
ज़ीशान क़ादरी ने सरबजीत पर फ़िल्म बनाने के लिए ज़रूरी राइट्स खरीद लिए हैं और परिवार की अनुमति ले ली है। इस फ़िल्म की शूटिंग इस साल अक्टूबर में शुरू हो जाएगी।
सरबजीत की ज़िंदगी पर बनने वाली बायोपिक का निर्देशन पहले हंसल मेहता करने वाले थे जिन्होंने एक युवा वकील की ज़िन्दगी से प्रेरित फ़िल्म 'शाहिद' बनाई थी। मगर 'सरबजीत' के निर्माता ज़ीशान क़ादरी ने हंसल मेहता के हाथों से ये फ़िल्म लेकर ओमंग कुमार को सौंप दी।
ओमंग ने पिछले साल बॉक्सर मैरी कॉम की ज़िन्दगी पर फ़िल्म बनाई थी जिसमें प्रियंका चोपड़ा ने मैरी कॉम की भूमिका निभाई थी। सरबजीत के निर्माता ज़ीशान क़ादरी ने कहा, 'मैरी कॉम' नाम की बेहतरीन फ़िल्म बनाई है ओमंग ने।
यहां तक कि उसने राष्ट्रिय पुरस्कार जीता। फ़िल्म के अवार्ड जीतने के बाद मैंने ओमंग से संपर्क किया और वो तैयार हो गए।' वहीं ओमंग ने कहा, 'ऐसा नहीं था कि मैं एक और बायोपिक करना चाहता हूं क्योंकि मैं पहले कर चुका हूं।' मुझे इस कहानी में इंसानी जज़्बात नज़र आया है जो बेहतरीन है।'
गौरतलब है कि सरबजीत नाम के एक भारतीय व्यक्ति को पाकिस्तान में आतंकवाद का आरोप लगाकर 90 के दशक में सज़ा ए मौत सुनाई गई थी। अदालती लड़ाई और छुड़ाने की कर्रवाई चल रही थी कि किसी ने उसकी हत्या जेल के भीतर ही कर दी थी।
ज़ीशान क़ादरी ने सरबजीत पर फ़िल्म बनाने के लिए ज़रूरी राइट्स खरीद लिए हैं और परिवार की अनुमति ले ली है। इस फ़िल्म की शूटिंग इस साल अक्टूबर में शुरू हो जाएगी।
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