मुंबई:
बंबई हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में महाराष्ट्र सरकार और पुलिस से उन परिस्थितियों की जांच कराने की मांग की गई है जिसके कारण 2002 के हिट एंड रन मामले के एक अहम गवाह की मौत हो गई थी। इस मामले में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को पिछले महीने दोषी ठहराया गया था।
पुणे के कार्यकर्ता हेमंत पाटिल की ओर से दायर याचिका में कहा गया है, 'अभिनेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए, जिसने कथित तौर पर गवाह और अपने पुलिस बॉडीगार्ड रवींद्र पाटिल पर सुनवाई के दौरान तथ्यों का खुलासा नहीं करने के लिए दबाव का इस्तेमाल किया था।'
याचिकाकर्ता के वकील आर एन कचावे ने बताया कि याचिका यथासमय सुनवायी के लिए आएगी। याचिका में आरोप लगाया गया है, 'सुनवायी के दौरान यह खुलासा हुआ था कि सलमान खान और दूसरे अज्ञात व्यक्तियों ने रवींद्र पाटिल पर अनुचित प्रभाव का इस्तेमाल किया और उसे मामले के बारे में वास्तविक और सही बयान देने से रोकने के प्रयास किए गए। हालांकि वे उससे गवाही बदलवाने में असफल रहे।'
याचिकाकर्ता ने पाटिल की मौत की जांच की मांग करते हुए कहा है, 'कुछ गलत हुआ है और पाटिल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है।' उन्होंने आरोप लगाया कि मन में सलमान और उसके सहयोगियों के डर से गवाह अदालत में पेश होने में असफल रहा, जिसने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।
याचिकाकर्ता ने कथित तौर पर कहा, 'उसे संरक्षण मुहैया कराने की बजाय, सरकार और पुलिस ने उसका पीछा किया और उसे जेल में डाल दिया।'
जेल से रिहा होने के बाद पाटिल लापता हो गया और बहुत बाद उसका पता महाबलेश्वर के एक होटल में चला। उसका पता लगाने के लिए पुलिस ने एक कार्यबल का गठन किया था।
याचिका में कहा गया है कि आखिरकार सेवरी के एक अस्पताल में पाटिल का पता चला जब उसे टीबी हो गया था और उसकी चार अक्तूबर 2007 को मौत हो गई। तब तक उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था।
पुणे के कार्यकर्ता हेमंत पाटिल की ओर से दायर याचिका में कहा गया है, 'अभिनेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए, जिसने कथित तौर पर गवाह और अपने पुलिस बॉडीगार्ड रवींद्र पाटिल पर सुनवाई के दौरान तथ्यों का खुलासा नहीं करने के लिए दबाव का इस्तेमाल किया था।'
याचिकाकर्ता के वकील आर एन कचावे ने बताया कि याचिका यथासमय सुनवायी के लिए आएगी। याचिका में आरोप लगाया गया है, 'सुनवायी के दौरान यह खुलासा हुआ था कि सलमान खान और दूसरे अज्ञात व्यक्तियों ने रवींद्र पाटिल पर अनुचित प्रभाव का इस्तेमाल किया और उसे मामले के बारे में वास्तविक और सही बयान देने से रोकने के प्रयास किए गए। हालांकि वे उससे गवाही बदलवाने में असफल रहे।'
याचिकाकर्ता ने पाटिल की मौत की जांच की मांग करते हुए कहा है, 'कुछ गलत हुआ है और पाटिल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है।' उन्होंने आरोप लगाया कि मन में सलमान और उसके सहयोगियों के डर से गवाह अदालत में पेश होने में असफल रहा, जिसने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।
याचिकाकर्ता ने कथित तौर पर कहा, 'उसे संरक्षण मुहैया कराने की बजाय, सरकार और पुलिस ने उसका पीछा किया और उसे जेल में डाल दिया।'
जेल से रिहा होने के बाद पाटिल लापता हो गया और बहुत बाद उसका पता महाबलेश्वर के एक होटल में चला। उसका पता लगाने के लिए पुलिस ने एक कार्यबल का गठन किया था।
याचिका में कहा गया है कि आखिरकार सेवरी के एक अस्पताल में पाटिल का पता चला जब उसे टीबी हो गया था और उसकी चार अक्तूबर 2007 को मौत हो गई। तब तक उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था।
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