तैमूर अली खान का जन्म पिछले साल 20 दिसंबर को हुआ था.
नई दिल्ली:
अभिनेता सैफ अली खान की अभिनेत्री पत्नी करीना कपूर खान ने पिछले साल दिसंबर में एक बेटे को जन्म दिया. सैफ ने पिछले साल जुलाई में करीना की प्रेग्नेंसी की खबर साझा की थी और तब से ही यह बच्चा सुर्खियों में बना हुआ था. सैफ और करीना ने बच्चे का नाम तैमूर रखा, लेकिन शायद उन्हें अंदाजा नहीं था कि बच्चे के नाम के लिए उन्हें लोगों की आलोचना का सामना करना पड़ेगा. सोशल मीडिया पर बच्चे के नाम को लेकर काफी बहस हुई. सैफ सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं रहते, कॉन्ट्रोवर्सीज पर भी ज्यादातर चुप ही रहते हैं लेकिन तैमूर अली खान पटौदी के नाम पर हुई कॉन्ट्रोवर्सी पर सैफ ने अंततः अपनी चुप्पी तोड़ दी है.
सैफ ने मुंबई मिरर से कहा, "जहां तक मेरा मानना है सितारों को काफी प्रिविलेज मिलता है और हमारा देश विचारधारा के मामले में काफी बैलेंस्ड है. लोग फासिस्ट और राइट विंग होने की बात करते हैं और हम सबको इस बात का डर है. लेकिन सच यह है कि तैमूर को लेकर अनावश्यक ड्रामा खड़ा किया गया. मुझे इस मामले में कुछ भी कहने की जरूरत महसूस नहीं हुई क्योंकि कई लोगों ने इस मुद्दे पर समझदारी से अपनी बात रखी थी. कई लोग थे जिन्होंने मेरे फैसले का साथ दिया और मुझे महसूस कराया कि अपने बेटे का नाम अपनी मर्जी से रखने में कोई बुराई नहीं है."
बेटे का नाम तैमूर रखने के पीछे सैफ की मंशा किसी को तकलीफ पहुंचाने की बिल्कुल नहीं थी. उन्होंने मुंबई मिरर को बताया, 'मुझे और मेरी पत्नी यह नाम और इसका मतलब काफी पसंद आया, मैं तुर्किश आक्रमणकारी तैमूर के बारे में अच्छे से जानता हूं. मेरे बेटे का नाम तैमूर है, जो एक ऐतिहासिक पर्सियन शब्द है जिसका अर्थ लोहा होता है.' हालांकि उन्होंने मजाकिया लहजे में यह भी कहा कि शायद बेटे के नाम के साथ उन्हें एक डिस्क्लेमर भी दे देना था जैसे फिल्मों में देते हैं, 'इसका किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति से मेल खाना मात्रा एक संयोग माना जाएगा.'
सैफ ने मुंबई मिरर से कहा, "जहां तक मेरा मानना है सितारों को काफी प्रिविलेज मिलता है और हमारा देश विचारधारा के मामले में काफी बैलेंस्ड है. लोग फासिस्ट और राइट विंग होने की बात करते हैं और हम सबको इस बात का डर है. लेकिन सच यह है कि तैमूर को लेकर अनावश्यक ड्रामा खड़ा किया गया. मुझे इस मामले में कुछ भी कहने की जरूरत महसूस नहीं हुई क्योंकि कई लोगों ने इस मुद्दे पर समझदारी से अपनी बात रखी थी. कई लोग थे जिन्होंने मेरे फैसले का साथ दिया और मुझे महसूस कराया कि अपने बेटे का नाम अपनी मर्जी से रखने में कोई बुराई नहीं है."
बेटे का नाम तैमूर रखने के पीछे सैफ की मंशा किसी को तकलीफ पहुंचाने की बिल्कुल नहीं थी. उन्होंने मुंबई मिरर को बताया, 'मुझे और मेरी पत्नी यह नाम और इसका मतलब काफी पसंद आया, मैं तुर्किश आक्रमणकारी तैमूर के बारे में अच्छे से जानता हूं. मेरे बेटे का नाम तैमूर है, जो एक ऐतिहासिक पर्सियन शब्द है जिसका अर्थ लोहा होता है.' हालांकि उन्होंने मजाकिया लहजे में यह भी कहा कि शायद बेटे के नाम के साथ उन्हें एक डिस्क्लेमर भी दे देना था जैसे फिल्मों में देते हैं, 'इसका किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति से मेल खाना मात्रा एक संयोग माना जाएगा.'
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