कपिल शर्मा की फिल्म 'किस किसको प्यार करूं' शुक्रवार को रिलीज़ हुई है
इस शुक्रवार रिलीज़ हुई है कॉमेडियन कपिल शर्मा की पहली फिल्म 'किस किसको प्यार करूं' जिसका निर्देशन किया है जानी मानी निर्देशक जोड़ी अब्बास-मस्तान ने।
फ़िल्म में मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं कपिल शर्मा, मंजरी फडणीस, एली अवराम, सिमरन कॉर, अरबाज़ ख़ान, वरुण शर्मा, शरत सक्सेना और सुप्रिया पाठक ने।
फ़िल्म की कहानी का अंदाज़ा प्रोमो देखकर लगाया जा सकता है। फ़िल्म में कपिल, तीन पत्नियों के पति बने हैं और एली के बॉयफ्रेंड, जिसके कारण शुरू होती हैं उलझनें और पर्दे पर लगता है कॉमेडी का तड़का।
हर बात पर हंसी आए...
'कॉमेडी नाइट्स विद कपिल' के कारण कइयों को कपिल की फ़िल्म से बेहद उम्मीदे हैं लेकिन शो में जहां हर छोटी छोटी बात हंसाती है वहीं इस फ़िल्म में आप हर पंच पर हंसी आए ऐसा ज़रूरी नहीं।
हालांकि फ़िल्म में कुछ जगह आपको हंसी ज़रूर आएगी। फ़िल्म की कहानी में नयापन ना होना भी फ़िल्म के खिलाफ़ जाता दिखा क्योंकि ऐसी कहानियां आप गोविंदा की 'सैंडविच' या 'साजन चले ससुराल' जैसी फ़िल्मों में देख चुके हैं।
फ़िल्म में जब जब गाने आते हैं हंसी पर ब्रेक लग जाता है। गाने अच्छे हैं लेकिन कपिल को इसेमें हीरो की तरह पेश न करके अगर इसमें भी कॉमेडी रखते तो शायद बेहतर होता।
भावुकता जमती नहीं
यही कमी कपिल के इमोशनल सीन्स में भी दिखाई देती है। अगर कपिल के भावुक सीन्स को भी कॉमेडी का रूप देते तो मज़ा ज़्यादा आता। कपिल की पहचान ही कॉमेडियन के रूप में हो चुकी है शायद इसी कारण ये कमियां दिख रही हैं।
कॉमेडी सीन्स में कपिल अच्छे हैं पर भावुक सीन्स उनपर नहीं जम रहे। कॉमेडी टाइमिंग देखते हुए एडिटिंग में कमी दिखी, तर्क ना ढूंढें तो फ़िल्म आपका मनोरंजन करेगी।
कपिल के अब तो करोड़ों फ़ैंस बन चुके हैं, हर कोई उन्हें बड़े पर्दे पर देखने चाहेगा। आप भी देखिए पर बिना तर्क तलाशे।
मेरी ओर से फ़िल्म को 2.5*
फ़िल्म में मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं कपिल शर्मा, मंजरी फडणीस, एली अवराम, सिमरन कॉर, अरबाज़ ख़ान, वरुण शर्मा, शरत सक्सेना और सुप्रिया पाठक ने।
फ़िल्म की कहानी का अंदाज़ा प्रोमो देखकर लगाया जा सकता है। फ़िल्म में कपिल, तीन पत्नियों के पति बने हैं और एली के बॉयफ्रेंड, जिसके कारण शुरू होती हैं उलझनें और पर्दे पर लगता है कॉमेडी का तड़का।
हर बात पर हंसी आए...
'कॉमेडी नाइट्स विद कपिल' के कारण कइयों को कपिल की फ़िल्म से बेहद उम्मीदे हैं लेकिन शो में जहां हर छोटी छोटी बात हंसाती है वहीं इस फ़िल्म में आप हर पंच पर हंसी आए ऐसा ज़रूरी नहीं।
हालांकि फ़िल्म में कुछ जगह आपको हंसी ज़रूर आएगी। फ़िल्म की कहानी में नयापन ना होना भी फ़िल्म के खिलाफ़ जाता दिखा क्योंकि ऐसी कहानियां आप गोविंदा की 'सैंडविच' या 'साजन चले ससुराल' जैसी फ़िल्मों में देख चुके हैं।
फ़िल्म में जब जब गाने आते हैं हंसी पर ब्रेक लग जाता है। गाने अच्छे हैं लेकिन कपिल को इसेमें हीरो की तरह पेश न करके अगर इसमें भी कॉमेडी रखते तो शायद बेहतर होता।
भावुकता जमती नहीं
यही कमी कपिल के इमोशनल सीन्स में भी दिखाई देती है। अगर कपिल के भावुक सीन्स को भी कॉमेडी का रूप देते तो मज़ा ज़्यादा आता। कपिल की पहचान ही कॉमेडियन के रूप में हो चुकी है शायद इसी कारण ये कमियां दिख रही हैं।
कॉमेडी सीन्स में कपिल अच्छे हैं पर भावुक सीन्स उनपर नहीं जम रहे। कॉमेडी टाइमिंग देखते हुए एडिटिंग में कमी दिखी, तर्क ना ढूंढें तो फ़िल्म आपका मनोरंजन करेगी।
कपिल के अब तो करोड़ों फ़ैंस बन चुके हैं, हर कोई उन्हें बड़े पर्दे पर देखने चाहेगा। आप भी देखिए पर बिना तर्क तलाशे।
मेरी ओर से फ़िल्म को 2.5*
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