
फ़िल्म में थ्रिल एलिमेंट है, मगर इंटरटेनमेंट वेल्यू की थोड़ी कमी है इसलिए आत्मा के लिए एनडीटीवी के इकबाल परवेज की रेटिंग है 2.5 स्टार...
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इनके पास एक सात साल की बेटी है जो तलाक़ के बाद अपनी मां यानी बिपाशा के साथ रहती है जो उसके पिता को मंज़ूर नहीं। तलाक़ के बाद नवाज़ुद्दीन की रोड ऐक्सिडेंट में मौत हो जाती है जो आत्मा बनकर लौटते हैं। अपनी बेटी को अपने पास ले जाने के लिए। क्योंकि वह अपनी बेटी के बहुत क़रीब हैं। बिपाशा की कोशिश है अपनी बेटी को बचाने की।
यह एक हॉरर फ़िल्म है जिसमें कई सीन डरावने हैं। बैकग्राउंड म्युज़िक और विज़ुअल डराने का काम करते हैं। यह आत्मा हर उस इंसान को मार डालती है जो उसकी बेटी को परेशान करते हैं फ़िर वह चाहे स्कूल का बच्चा हो या ग़लती पर सज़ा देने वाली टीचर।
आत्मा को प्रोमोट किया गया बिपाशा और नवाज़ुद्दीन की फ़िल्म बताकर जबकि नवाज़ुद्दीन के गिने चुने सीन ही हैं। बच्ची को बचाने की बिपाशा की कोशिश थोड़ी खिंची हुई लगती है। हालांकि फ़िल्म में थ्रिल एलिमेंट है, मगर इंटरटेनमेंट वेल्यू की थोड़ी कमी है इसलिये आत्मा के लिए एनडीटीवी के इकबाल परवेज की रेटिंग है 2.5 स्टार...
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