
रानी ने उस समय को याद करते हुए कहा, जब मैंने आमिर के साथ पहली फिल्म की थी, तब मैं उनकी आंखों में नहीं देखती थी। मैं उनके जूतों को देखती थी।
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मुंबई:
एक समय था जब अभिनेत्री रानी मुखर्जी कभी आमिर खान की 'आंखों में देखने की हिम्मत नहीं जुटा पाती थीं' और आज यह आलम है कि रानी तब तक आमिर की आंखों में देखती रहती हैं, 'जब तक कि वह ऐसा नहीं करने के लिए मना न कर दें।'
आमिर और रानी ने पहली बार 1998 में 'गुलाम' में काम किया था। उस समय रानी फिल्म उद्योग में नई थीं और आमिर एक स्टार थे। उनके खाते में कई हिट फिल्में थीं।
रानी ने उस समय को याद करते हुए कहा, जब मैंने आमिर के साथ पहली फिल्म की थी, तब मैं उनकी आंखों में नहीं देखती थी। मैं उनके जूतों को देखती थी। मैं काफी घबराई होती थी, क्योंकि मैं आमिर की प्रशंसक थी।
मैं आमिर के साथ रोमांटिक सीन करते हुए काफी नर्वस रहती थी। मैं उनकी आंखों में इसलिए नहीं देखती थी क्योंकि मुझे डर था कि मुझे उनसे प्यार हो जाएगा। अब मैं उनकी आंखों में देखती हूं और तब तक देखती हूं, जब तक वह ऐसा करने के लिए मना नहीं करते।
आमिर और रानी ने पहली बार 1998 में 'गुलाम' में काम किया था। उस समय रानी फिल्म उद्योग में नई थीं और आमिर एक स्टार थे। उनके खाते में कई हिट फिल्में थीं।
रानी ने उस समय को याद करते हुए कहा, जब मैंने आमिर के साथ पहली फिल्म की थी, तब मैं उनकी आंखों में नहीं देखती थी। मैं उनके जूतों को देखती थी। मैं काफी घबराई होती थी, क्योंकि मैं आमिर की प्रशंसक थी।
मैं आमिर के साथ रोमांटिक सीन करते हुए काफी नर्वस रहती थी। मैं उनकी आंखों में इसलिए नहीं देखती थी क्योंकि मुझे डर था कि मुझे उनसे प्यार हो जाएगा। अब मैं उनकी आंखों में देखती हूं और तब तक देखती हूं, जब तक वह ऐसा करने के लिए मना नहीं करते।
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