लखनऊ:
अपनी ताजा विवादित फिल्म आरक्षण पर पाबंदियों के दौर से उबरने के बाद निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा का कहना है कि आखिरकार उनका मकसद पूरा हुआ और वह विवाद के लिए किसी को दोष नहीं देना चाहते। झा ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से रास्ता साफ होने पर फिल्म के उत्तर प्रदेश में रिलीज होने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि आरक्षण जैसे ज्वलंत और संवेदनशील मुद्दे पर आधारित फिल्म के उत्तर प्रदेश, पंजाब और आंध्र प्रदेश में प्रदर्शन पर शुरुआती रोक का बुरा प्रभाव जरूर पड़ा, लेकिन आखिरकार वह अपने मकसद में कामयाब रहे। उन्होंने कहा, मेरा मकसद पूरा हुआ। मैं किसी को दोष नहीं देना चाहता। जिन लोगों ने इस पर प्रतिबंध लगाया, उनकी अपनी सोच रही होगी। आशंकाओं के आधार पर ही उन्होंने वह कार्रवाई की होगी। हालांकि वह अंतत: गलत साबित हुई। सामाजिक मुद्दों पर फिल्में बनाने के लिए मशहूर इस फिल्मकार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में फिल्म का प्रदर्शन रोकना दुर्भाग्यपूर्ण था और यह फैसला प्रतिक्रिया में लिया गया, लेकिन वह इसके लिए किसी को दोष नहीं देना चाहते। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आरक्षण की रिलीज से एक दिन पहले 11 अगस्त की रात को राज्य में इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी। हालांकि गत शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद राज्य में फिल्म रिलीज होने का रास्ता साफ हो गया था। झा ने आरक्षण का प्रदर्शन रोके जाने के खिलाफ अपनी अपील पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक और दूरगामी करार दिया। झा ने कहा, यह फिल्म उद्योग के लिए बहुत बड़ा फैसला है। इस निर्णय से यह तय हो गया है कि सेंसर बोर्ड से हरी झंडी मिलने के बाद कोई भी सरकार फिल्म का प्रदर्शन कुछ वक्त के लिए निलम्बित तो कर सकती है, लेकिन उस पर पाबंदी नहीं लगा सकती। यह मेरे जैसे फिल्मकारों की स्वायत्तता के लिए अच्छी बात है। उन्होंने एक सवाल पर कहा, मैं मुद्दों पर फिल्म बनाता हूं। जाहिर है, उन मुद्दों पर दूसरों का अपना दृष्टिकोण होगा। मैं सबके नजरिये को समझने की कोशिश करता हूं। कभी कामयाबी मिल जाती है और कभी नहीं भी मिलती है। गांधीवादी अन्ना हजारे के आंदोलन के बारे में पूछे गए प्रश्न पर झा ने कहा, मैं उनका वैचारिक समर्थन करता हूं। मैं भ्रष्टाचार हटाने का समर्थक हूं। लोकपाल विधेयक हो या न्यायपालिका को जवाबदेह बनाने संबंधी विधेयक हो। हमें उसका समर्थन, तो करना ही होगा। भविष्य में हजारे पर फिल्म बनाने की सम्भावना सम्बन्धी सवाल पर उन्होंने कहा, हजारे बहुत बड़े हैं और उनके अनेक पहलू हो सकते हैं। अब देखिये आगे कैसा विचार बनता है।
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