मुंबई:
नवी मुंबई स्थित अस्पताल में आईसीयू में भर्ती 30 वर्षीय एक महिला से बलात्कार के दोषी युवा चिकित्सक को यहां की एक अदालत ने 10 साल के कारावास की सजा सुनाई।
ठाणे के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आरडी सावंत ने डॉ. विशाल वन्ने (26) को यह सजा सुनाई। उन्होंने उस पर एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया और साल 2010 के मामले में तीन महीने के एक अन्य कारावास की सजा भी सुनाई।
अतिरिक्त लोक अभियोजक संध्या बच्चव ने अदालत से कहा कि 16 अक्तूबर 2010 को पीड़िता और उसके परिवार के सदस्य दुर्गा पूजा के लिए मॉडर्न कॉलेज ग्राउंड आए थे। तभी उसे बेचैनी हुई और उसे वासी स्थित नजदीकी लोटस अस्पताल ले जाया गया। उस रात उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया था, क्योंकि उसकी हालत बिगड़ गई थी।
शिकायत के अनुसार, आरोपी चिकित्सक वार्ड में रात्रि ड्यूटी पर था जहां महिला को चिकित्सीय जांच के बाद एक स्टाफ नर्स के साथ अकेला छोड़ दिया गया था।
चूंकि नर्स अस्थमा से पीड़ित थी तो आरोपी ने उससे आईसीयू छोड़कर आराम करने को कहा। उसके बाद चिकित्सक ने कथित तौर पर मरीज को एक सूई दी, जिससे उसे नींद आने लगी।
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि तड़के दो बजे आरोपी ने भीतर से आईसीयू का दरवाजा बंद कर दिया और पीड़िता के साथ छेड़खानी की और उससे बार-बार बलात्कार किया।
पीड़िता ने अदालत के समक्ष दिए गए अपने बयान में कहा कि चूंकि वह उस रात स्वस्थ नहीं थी इसलिए वह शोर या मदद के लिए चीख-पुकार नहीं मचा सकी। अगली सुबह जब उसने अपने पति को इस घटना के बारे में बताया तो वन्ने को पुलिस को सौंप दिया गया।
ठाणे के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आरडी सावंत ने डॉ. विशाल वन्ने (26) को यह सजा सुनाई। उन्होंने उस पर एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया और साल 2010 के मामले में तीन महीने के एक अन्य कारावास की सजा भी सुनाई।
अतिरिक्त लोक अभियोजक संध्या बच्चव ने अदालत से कहा कि 16 अक्तूबर 2010 को पीड़िता और उसके परिवार के सदस्य दुर्गा पूजा के लिए मॉडर्न कॉलेज ग्राउंड आए थे। तभी उसे बेचैनी हुई और उसे वासी स्थित नजदीकी लोटस अस्पताल ले जाया गया। उस रात उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया था, क्योंकि उसकी हालत बिगड़ गई थी।
शिकायत के अनुसार, आरोपी चिकित्सक वार्ड में रात्रि ड्यूटी पर था जहां महिला को चिकित्सीय जांच के बाद एक स्टाफ नर्स के साथ अकेला छोड़ दिया गया था।
चूंकि नर्स अस्थमा से पीड़ित थी तो आरोपी ने उससे आईसीयू छोड़कर आराम करने को कहा। उसके बाद चिकित्सक ने कथित तौर पर मरीज को एक सूई दी, जिससे उसे नींद आने लगी।
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि तड़के दो बजे आरोपी ने भीतर से आईसीयू का दरवाजा बंद कर दिया और पीड़िता के साथ छेड़खानी की और उससे बार-बार बलात्कार किया।
पीड़िता ने अदालत के समक्ष दिए गए अपने बयान में कहा कि चूंकि वह उस रात स्वस्थ नहीं थी इसलिए वह शोर या मदद के लिए चीख-पुकार नहीं मचा सकी। अगली सुबह जब उसने अपने पति को इस घटना के बारे में बताया तो वन्ने को पुलिस को सौंप दिया गया।
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