
रणबीर कपूर ने बताया कि मा कहा करती थीं कि रिपोर्ट कार्ड में लाल रेखा दिखीं तो वह डैड से शिकायत कर देंगी....
मुंबई:
अभिनेता रणबीर कपूर ने कहा बचपन में वह पढ़ाई में इतने कमजोर थे कि उनकी मां नीतू कपूर उनके पिता से उनकी शिकायत करने की धमकी देती थी. रणबीर ने कहा कि वह इस बात को लेकर खुश हैं कि उस समय ट्विटर नहीं हुआ करता था अन्यथा उनके पिता स्कूल में उनके खराब ग्रेड के बारे में ट्वीट कर देते.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "परिणाम घोषित होने के समय मेरी मां स्कूल आया करती थी. मैं माफी मांगता था और कहता था कि मैं कठिन परिश्रम करूंगा, अच्छे नंबर लाऊंगा और किसी भी विषय में फेल नहीं होऊंगा. मां कहा करती थी कि रिपोर्ट कार्ड में उन्हें लाल रेखा दिखी तो वह डैड से कह देंगी. मैं रोने लगता था क्योंकि मैं उनसे बहुत डरता था." रणबीर की अगली फिल्म 'जग्गा जासूस' 14 जुलाई को रिलीज होगी. फिल्म का निर्देशन अनुराग बसु ने किया है.
'तमाशा' एक्टर ने कहा कि वह अपने परिवार के सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे सदस्य हैं. "मेरे परिवार का पढ़ाई-लिखाई का इतिहास बहुत अच्छा नहीं है. मेरे पिता 8वीं कक्षा में फेल हो गए थे. मेरे चाचा 9वीं फेल हैं और मेरे दादा 6वीं क्लास तक तक ही पढ़े थे. तो इस तरह से कहा जाए तो मैं अपने परिवार का सबसे ज्यादा पढ़ा- लिखा सदस्य हूं. 10वीं की बोर्ड परीक्षा में मेरे 56% मार्क्स आए थे."
उन्होंने बताया कि वह औसत दर्जे से कम स्तर के स्टूडेंट थे इसलिए उन्होंने फुटबॉल खेलना शुरू कर दिया था. रणबीर ने खुद इस बात को माना कि वह एक्टर इसलिए बने क्योंकि उन्हें मालूम चला कि एक्टर बनने के लिए पढ़ाई की जरूरत नहीं होती है. इकनॉमिक्स से पढ़ाई करने के बाद वे फिल्म मेंकिंग के गुर सीखने के लिए न्यूयार्क के स्कूल ऑफ विजुअल आर्टस चले गए.
न्यूयॉर्क में रणबीर को इस बात का अहसास हुआ कि उनसे लोगों को कितनी उम्मीदें हैं. उन्हें इस बात का भी अहसास हुआ कि उनकी जीत या हार सिर्फ उनकी नहीं है बल्कि पूरे खानदान की है. रणबीर जब भारत वापस आए तो वह अपने घर नहीं गए, बल्कि मशहूर निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली के दफ्तर जा पहुंचे और उनसे काम मांगा. रणबीर को संजय ने ब्लैक फिल्म में असिस्टेंड डायरेक्टर का काम दे दिया. बाद में रणबीर ने अपना डेब्यू भी फिल्म ‘सांवरिया’ से की.
(इनपुट भाषा से भी)
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "परिणाम घोषित होने के समय मेरी मां स्कूल आया करती थी. मैं माफी मांगता था और कहता था कि मैं कठिन परिश्रम करूंगा, अच्छे नंबर लाऊंगा और किसी भी विषय में फेल नहीं होऊंगा. मां कहा करती थी कि रिपोर्ट कार्ड में उन्हें लाल रेखा दिखी तो वह डैड से कह देंगी. मैं रोने लगता था क्योंकि मैं उनसे बहुत डरता था." रणबीर की अगली फिल्म 'जग्गा जासूस' 14 जुलाई को रिलीज होगी. फिल्म का निर्देशन अनुराग बसु ने किया है.
'तमाशा' एक्टर ने कहा कि वह अपने परिवार के सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे सदस्य हैं. "मेरे परिवार का पढ़ाई-लिखाई का इतिहास बहुत अच्छा नहीं है. मेरे पिता 8वीं कक्षा में फेल हो गए थे. मेरे चाचा 9वीं फेल हैं और मेरे दादा 6वीं क्लास तक तक ही पढ़े थे. तो इस तरह से कहा जाए तो मैं अपने परिवार का सबसे ज्यादा पढ़ा- लिखा सदस्य हूं. 10वीं की बोर्ड परीक्षा में मेरे 56% मार्क्स आए थे."
उन्होंने बताया कि वह औसत दर्जे से कम स्तर के स्टूडेंट थे इसलिए उन्होंने फुटबॉल खेलना शुरू कर दिया था. रणबीर ने खुद इस बात को माना कि वह एक्टर इसलिए बने क्योंकि उन्हें मालूम चला कि एक्टर बनने के लिए पढ़ाई की जरूरत नहीं होती है. इकनॉमिक्स से पढ़ाई करने के बाद वे फिल्म मेंकिंग के गुर सीखने के लिए न्यूयार्क के स्कूल ऑफ विजुअल आर्टस चले गए.
न्यूयॉर्क में रणबीर को इस बात का अहसास हुआ कि उनसे लोगों को कितनी उम्मीदें हैं. उन्हें इस बात का भी अहसास हुआ कि उनकी जीत या हार सिर्फ उनकी नहीं है बल्कि पूरे खानदान की है. रणबीर जब भारत वापस आए तो वह अपने घर नहीं गए, बल्कि मशहूर निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली के दफ्तर जा पहुंचे और उनसे काम मांगा. रणबीर को संजय ने ब्लैक फिल्म में असिस्टेंड डायरेक्टर का काम दे दिया. बाद में रणबीर ने अपना डेब्यू भी फिल्म ‘सांवरिया’ से की.
(इनपुट भाषा से भी)
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