सालों पहले बन चुकी एक और फिल्म भी शुक्रवार को रिलीज़ हुई है… नाम है… 'मेरे दोस्त पिक्चर अभी बाकी है'...।
                                            
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                                                                                मुंबई: 
                                        सालों पहले बन चुकी एक और फिल्म भी शुक्रवार को रिलीज़ हुई है… नाम है… 'मेरे दोस्त पिक्चर अभी बाकी है'...।
इसमें सुनील शेट्टी बने हैं लंदन से फिल्ममेकिंग का कोर्स करके आए अमर जोशी जिन्हें बॉलीवुड में फिल्म डायरेक्ट करनी है लेकिन जब अमर अपनी स्क्रिप्ट लेकर फिल्म प्रोडूसर्स के पास जाता है तो रीयल लाईफ स्टोरी में प्रोडूसर्स कमर्शियल एलीमेंट्स डालने लगते हैं… जैसे ग्लैमर, कॉमेडी, आईटम नंबर, एक्शन और मेलोड्रामा। अंडरवर्ल्ड डॉन अपनी मेहबूबा का डांस नंबर जुड़वाना चाहता है और हीरोईन की मां दखलअंदाज़ी करती है, सो अलग। कुल मिलाकर स्क्रिप्ट इतनी बदल दी जाती है कि डायरेक्टर खुद अपनी फिल्म पहचान नहीं पाता।
डायरेक्टर रजनीश ठाकुर की यह फिल्म बॉलीवुड पर एक कटाक्ष है लेकिन फिल्म में इंटरटेनमेंट वेल्यू की कमी है। कॉमेडी उम्मीद से कम है। राजपाल यादव की गलत अंग्रेज़ी हंसाती है लेकिन उनके बाकी रोल में दम नहीं। राकेश बेदी से बेहतर काम कराया जा सकता था। कई केरेक्टर्स ओवरएक्टिंग के शिकार हैं।
कुछ अच्छाइयां भी हैं। सुनील शेट्टी ने मजबूर डायरेक्टर का रोल अच्छा किया है। फिल्म बोरिंग नहीं है इसका कन्सेप्ट अच्छा है। लेकिन काश कन्सेप्ट को एक्ज़ीक्यूट ढंग से किया जाता। मेरे दोस्त पिक्चर अभी बाकी है एवरेज फिल्म है जिसके लिए मेरी रेटिंग है 2 स्टार।
                                                                        
                                    
                                इसमें सुनील शेट्टी बने हैं लंदन से फिल्ममेकिंग का कोर्स करके आए अमर जोशी जिन्हें बॉलीवुड में फिल्म डायरेक्ट करनी है लेकिन जब अमर अपनी स्क्रिप्ट लेकर फिल्म प्रोडूसर्स के पास जाता है तो रीयल लाईफ स्टोरी में प्रोडूसर्स कमर्शियल एलीमेंट्स डालने लगते हैं… जैसे ग्लैमर, कॉमेडी, आईटम नंबर, एक्शन और मेलोड्रामा। अंडरवर्ल्ड डॉन अपनी मेहबूबा का डांस नंबर जुड़वाना चाहता है और हीरोईन की मां दखलअंदाज़ी करती है, सो अलग। कुल मिलाकर स्क्रिप्ट इतनी बदल दी जाती है कि डायरेक्टर खुद अपनी फिल्म पहचान नहीं पाता।
डायरेक्टर रजनीश ठाकुर की यह फिल्म बॉलीवुड पर एक कटाक्ष है लेकिन फिल्म में इंटरटेनमेंट वेल्यू की कमी है। कॉमेडी उम्मीद से कम है। राजपाल यादव की गलत अंग्रेज़ी हंसाती है लेकिन उनके बाकी रोल में दम नहीं। राकेश बेदी से बेहतर काम कराया जा सकता था। कई केरेक्टर्स ओवरएक्टिंग के शिकार हैं।
कुछ अच्छाइयां भी हैं। सुनील शेट्टी ने मजबूर डायरेक्टर का रोल अच्छा किया है। फिल्म बोरिंग नहीं है इसका कन्सेप्ट अच्छा है। लेकिन काश कन्सेप्ट को एक्ज़ीक्यूट ढंग से किया जाता। मेरे दोस्त पिक्चर अभी बाकी है एवरेज फिल्म है जिसके लिए मेरी रेटिंग है 2 स्टार।
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                                        मेरे दोस्त पिक्चर अभी बाकी है, Mere Dost Picture Abhi Baaki Hai