सलमान खान की फिल्म 'सुल्तान' का एक दृश्य
मुजफ्फरपुर (बिहार):
एक स्थानीय अदालत में कथित धोखाधड़ी के संबंध में बालीवुड अभिनेता सलमान खान, अभिनेत्री अनुष्का शर्मा, फिल्म निर्देशक अली जफर अब्बास और अन्य के खिलाफ एक शिकायत मामला सुना गया।
मुजफ्फरपुर के निवासी मोहम्मद साबिर अंसारी उर्फ साबिर बाबा ने 8 जुलाई को यहां मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एक शिकायत मामला दायर कराया था और कहा था कि पिछले हफ्ते रिलीज 'सुल्तान' के कलाकार सलमान ने उन्हें उनकी जिंदगी पर आधारित फिल्म बनाने के लिए रॉयल्टी के रूप में 20 करोड़ रुपये देने का वादा किया था। उनके वकील सुधीर कुमार ओझा ने कहा कि साबिर ने वर्ष 2010 में मुंबई में सलमान को अपनी कहानी सुनाई थी और अभिनेता ने वादा किया था कि अगर इस पर फिल्म बनाई गई तो वह इसके बदले उन्हें पैसे देंगे।
सीजेएम, मुजफ्फरपुर राम चंद्र प्रसाद के सामने मंगलवार को यह मामला सुनवाई के लिए आया, जिन्होंने इसे न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एसके त्रिपाठी की अदालत में स्थानान्तरित किया और अगली सुनवाई के लिए 26 जुलाई 2016 की तारीख तय की। मामला आईपीसी की धाराओं 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात की सजा), 504 (शांति भंग करने के लिए उकसावे की मंशा से अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी की सजा) के तहत दर्ज कराया गया है।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मुजफ्फरपुर के निवासी मोहम्मद साबिर अंसारी उर्फ साबिर बाबा ने 8 जुलाई को यहां मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एक शिकायत मामला दायर कराया था और कहा था कि पिछले हफ्ते रिलीज 'सुल्तान' के कलाकार सलमान ने उन्हें उनकी जिंदगी पर आधारित फिल्म बनाने के लिए रॉयल्टी के रूप में 20 करोड़ रुपये देने का वादा किया था। उनके वकील सुधीर कुमार ओझा ने कहा कि साबिर ने वर्ष 2010 में मुंबई में सलमान को अपनी कहानी सुनाई थी और अभिनेता ने वादा किया था कि अगर इस पर फिल्म बनाई गई तो वह इसके बदले उन्हें पैसे देंगे।
सीजेएम, मुजफ्फरपुर राम चंद्र प्रसाद के सामने मंगलवार को यह मामला सुनवाई के लिए आया, जिन्होंने इसे न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एसके त्रिपाठी की अदालत में स्थानान्तरित किया और अगली सुनवाई के लिए 26 जुलाई 2016 की तारीख तय की। मामला आईपीसी की धाराओं 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात की सजा), 504 (शांति भंग करने के लिए उकसावे की मंशा से अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी की सजा) के तहत दर्ज कराया गया है।
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