किशोर कुमार के साथ गाने की रिकॉर्डिंग करतीं लता मंगेशकर.
नई दिल्ली:
लता मंगेशकर ने लगभग 30,000 गाने गए हैं और हर छोटे-बड़े सिंगर के साथ उनके गाने हैं. लेकिन डुएट गाने में उन्हें सबसे ज्यादा मजा किशोर कुमार के साथ आता था.
लता मंगेशकर के मुताबिक, "वे अकेले ऐसे गायक थे, जिनकी सोहबत में गाना हमेशा ही आनंद का कारण बनता रहा... सिर्फ किशोर दा को छोड़कर सभी के साथ कोई भी डुएट गाते हुए हम लोग सीरियस रहते थे... आप कितना भी सीरियस क्यों न हों, आपके गाते समय, जब आप अंतरों में कोई तान ले रहे हों या हरकत दिखा रहे हों, किशोर दा झट से कोई ऐसा बेवकूफी भरा इशारा करते थे, जिससे आपका ध्यान गाने से हट जाए. हम लोग कई बार कुछ गीतों को बीच में रुकवाकर उनसे मिन्नतें करते थे कि दादा पहले शांति से गाना रिकॉर्ड करा दो, फिर यह सब होगा..."
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लता आगे बताती हैं, "...और आप जानकर आश्चर्य करेंगे कि कितना भी वे उछल-कूद, बदमाशी और हंसोड़ हरकतें क्यों न कर रहे हों, वे खुद उन सब से बाहर रहकर एकदम गंभीर मुद्रा में गाते थे."
हाल ही में यतींद्र मिश्र की किताब 'लता सुर गाथा' प्रकाशित हुई थी और इस किताब में लता मंगेशकर का लंबा इंटरव्यू भी है. जिसमें लता मंगेशकर ने संगीत और जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर बात की है. इसमें उन्होंने किशोर से जुड़े सवालों का भी विस्तार से जवाब दिया है.
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लता मंगेशकर ने किशोर दा के अपने पसंदीदा गानों की चर्चा की है. जिनमें प्रमुख है- कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना और चिंगारी कोई भड़के (अमर प्रेम), मेरे सामने वाली खिड़की में (पड़ोसन), तुम बिन जाऊं कहां (प्यार का मौसम), रात कली एक ख्वाब में आई (बुड्ढा मिल गया), ये दिल न होता बेचारा (ज्वेल थीफ), कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन (दूर गगन की छांव में).
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
लता मंगेशकर के मुताबिक, "वे अकेले ऐसे गायक थे, जिनकी सोहबत में गाना हमेशा ही आनंद का कारण बनता रहा... सिर्फ किशोर दा को छोड़कर सभी के साथ कोई भी डुएट गाते हुए हम लोग सीरियस रहते थे... आप कितना भी सीरियस क्यों न हों, आपके गाते समय, जब आप अंतरों में कोई तान ले रहे हों या हरकत दिखा रहे हों, किशोर दा झट से कोई ऐसा बेवकूफी भरा इशारा करते थे, जिससे आपका ध्यान गाने से हट जाए. हम लोग कई बार कुछ गीतों को बीच में रुकवाकर उनसे मिन्नतें करते थे कि दादा पहले शांति से गाना रिकॉर्ड करा दो, फिर यह सब होगा..."
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लता आगे बताती हैं, "...और आप जानकर आश्चर्य करेंगे कि कितना भी वे उछल-कूद, बदमाशी और हंसोड़ हरकतें क्यों न कर रहे हों, वे खुद उन सब से बाहर रहकर एकदम गंभीर मुद्रा में गाते थे."
हाल ही में यतींद्र मिश्र की किताब 'लता सुर गाथा' प्रकाशित हुई थी और इस किताब में लता मंगेशकर का लंबा इंटरव्यू भी है. जिसमें लता मंगेशकर ने संगीत और जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर बात की है. इसमें उन्होंने किशोर से जुड़े सवालों का भी विस्तार से जवाब दिया है.
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लता मंगेशकर ने किशोर दा के अपने पसंदीदा गानों की चर्चा की है. जिनमें प्रमुख है- कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना और चिंगारी कोई भड़के (अमर प्रेम), मेरे सामने वाली खिड़की में (पड़ोसन), तुम बिन जाऊं कहां (प्यार का मौसम), रात कली एक ख्वाब में आई (बुड्ढा मिल गया), ये दिल न होता बेचारा (ज्वेल थीफ), कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन (दूर गगन की छांव में).
किशोर दा की 88वीं जयंती पर लता मंगेशकर ने उन्हें ट्विटर पर याद किया है. उनके साथ एक रिकॉर्डिंग स्टूडियो की फोटो शेयर कर लता ने लिखा, "नमस्कार, किशोर दा की आज जयंति है. वो जितने अच्छे गायक थे उतने ही अच्छे इंसान थे. मुझे किशोर दा की कमी हमेशा महसूस होती है."Namaskar.Kishore Da ki aaj jayanti hai.wo jitne acche gayak the utne hi acche insaan the.Mujhe Kishore Da ki kami hamesha mehsoos hoti hai. pic.twitter.com/RpGvgQYkI0
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) August 4, 2017
87 वर्षीय लता मंगेशकर ने उनके साथ पहली बार साल 1948 में गाए हुए गाने ये कौन आया रे.. का वीडियो भी ट्वीट किया.Mera aur Kishore Da ka saath mein ye pehla geet jo humne 1948 mein gaaya tha.https://t.co/vXnvgPLTtt
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) August 4, 2017
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