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This Article is From Aug 04, 2017

जब रिकॉर्डिंग स्टूडियो में अपनी उछल-कूद से गायकों को भटका देते थे किशोर दा

यतींद्र मिश्र की किताब 'लता सुर गाथा' में लता मंगेशकर ने बताया कि सिर्फ किशोर दा को छोड़कर सभी के साथ कोई भी डुएट गाना गाते समय वह सीरियस रहती थीं...

जब रिकॉर्डिंग स्टूडियो में अपनी उछल-कूद से गायकों को भटका देते थे किशोर दा
किशोर कुमार के साथ गाने की रिकॉर्डिंग करतीं लता मंगेशकर.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
खुद गंभीर मुद्रा में गाते, लेकिन दूसरे सिंगर्स को भटकाते थे किशोर दा
लता के मुताबिक, गाने के बीच उनसे मिन्नतें कर, उन्हें शांत करवाना पड़ता था
किशोर दा की 88वीं जयंती पर लता ने लिखा- आपकी कमी हमेशा महसूस होगी
नई दिल्ली: लता मंगेशकर ने लगभग 30,000 गाने गए हैं और हर छोटे-बड़े सिंगर के साथ उनके गाने हैं. लेकिन डुएट गाने में उन्हें सबसे ज्यादा मजा किशोर कुमार के साथ आता था.

लता मंगेशकर के मुताबिक, "वे अकेले ऐसे गायक थे, जिनकी सोहबत में गाना हमेशा ही आनंद का कारण बनता रहा... सिर्फ किशोर दा को छोड़कर सभी के साथ कोई भी डुएट गाते हुए हम लोग सीरियस रहते थे... आप कितना भी सीरियस क्यों न हों, आपके गाते समय, जब आप अंतरों में कोई तान ले रहे हों या हरकत दिखा रहे हों, किशोर दा झट से कोई ऐसा बेवकूफी भरा इशारा करते थे, जिससे आपका ध्यान गाने से हट जाए. हम लोग कई बार कुछ गीतों को बीच में रुकवाकर उनसे मिन्नतें करते थे कि दादा पहले शांति से गाना रिकॉर्ड करा दो, फिर यह सब होगा..."

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लता आगे बताती हैं, "...और आप जानकर आश्चर्य करेंगे कि कितना भी वे उछल-कूद, बदमाशी और हंसोड़ हरकतें क्यों न कर रहे हों, वे खुद उन सब से बाहर रहकर एकदम गंभीर मुद्रा में गाते थे."



हाल ही में यतींद्र मिश्र की किताब 'लता सुर गाथा' प्रकाशित हुई थी और इस किताब में लता मंगेशकर का लंबा इंटरव्यू भी है. जिसमें लता मंगेशकर ने संगीत और जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर बात की है. इसमें उन्होंने किशोर से जुड़े सवालों का भी विस्तार से जवाब दिया है.

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लता मंगेशकर ने किशोर दा के अपने पसंदीदा गानों की चर्चा की है. जिनमें प्रमुख है- कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना और चिंगारी कोई भड़के (अमर प्रेम), मेरे सामने वाली खिड़की में (पड़ोसन), तुम बिन जाऊं कहां (प्यार का मौसम), रात कली एक ख्वाब में आई (बुड्ढा मिल गया), ये दिल न होता बेचारा (ज्वेल थीफ), कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन (दूर गगन की छांव में).किशोर दा की 88वीं जयंती पर लता मंगेशकर ने उन्हें ट्विटर पर याद किया है. उनके साथ एक रिकॉर्डिंग स्टूडियो की फोटो शेयर कर लता ने लिखा, "नमस्कार, किशोर दा की आज जयंति है. वो जितने अच्छे गायक थे उतने ही अच्छे इंसान थे. मुझे किशोर दा की कमी हमेशा महसूस होती है."87 वर्षीय लता मंगेशकर ने उनके साथ पहली बार साल 1948 में गाए हुए गाने ये कौन आया रे.. का वीडियो भी ट्वीट किया.  
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