
'कुमकुम भाग्य' के एक दृश्य में अभि और प्रज्ञा.
नई दिल्ली:
'कुमकुम भाग्य' में अभि अपने, तनु, पूरब और प्रज्ञा के लिए डबल डेट प्लान करता है और इसके लिए प्रज्ञा को लेने वह उसके घर जाता है. सफेद सूट और लाल दुपट्टे में जब प्रज्ञा उसेक सामने आती है तो वह उसे देखते ही रह जाता है. अभि बीजी से कहता है कि वह प्रज्ञा का पूरा ध्यान रखेगा. कार में बैठने कुछ देर बाद अभि प्रज्ञा से कहता है कि वह अपने बाल खोल ले. इसके बाद वह प्रज्ञा से पूछता है कि जिससे वह प्यार करती है उसमें उसे क्या अच्छा या बुरा लगता है. प्रज्ञा अभि की अच्छा-बुरी आदतों के बारे में बताती है जिसे सुन अभि कहता है कि प्रज्ञा को पटाने के लिए पूरब उसका तरीका अपनाता है. इसके बाद प्रज्ञा अपने प्यार के बारे में लगातार बात करती है, इससे अभि को जलन होती है और वह उसे चुप करा देता है.
तभी तनु अभि को फोन करती है कि उसे घर आने में इतनी देर क्यों लग रही है, इस अभि उससे झूठ कहता है कि वह ट्रैफिक में फंसा है. इस पर प्रज्ञा उससे कहती है कि प्यार में झूठ के लिए जगह नहीं होती है. वह कहती है कि अभि को कभी प्रज्ञा से तो झूठ बोलने की जरूरत नहीं पड़ती.
अभि-तनु और पूरब-प्रज्ञा नए साल का जश्न मनाने एक रेस्टॉरेंट में पहुंचते हैं जहां अभि प्रज्ञा को निकिता कहने की बजाए प्रज्ञा कहकर बुलाता है. इससे तनु चौंक जाती है तो अभि उससे कहता है कि उसे पूरब ने प्रज्ञा का असली नाम बताया. इसके बाद प्रज्ञा तनु से कहती है कि वह अभि का प्यार वापस पाने के लिए कुछ भी करेगी. इसके बाद रेस्टॉरेंट में चारों एक गेम खेलते हैं जिसमें उन्हें एक पोस्टकार्ड पर अपने प्यार के बारे में लिखना होता है. अभि और प्रज्ञा हर सवाल का जवाब एक जैसा ही लिखते हैं.
दूसरी तरफ घर में दादी और दासी बेहद खुश होती हैं. दासी कहती हैं कि भले ही दुनिया के लिए तनु-अभि और पूरब-प्रज्ञा डेट पर गए हों लेकिन उनके लिए अभि और प्रज्ञा ही डेट पर गए हैं. यह सुनकर आलिया खाने की टेबल से उठ जाती है, जिसे ताना मारते हुए दासी कहती है कि वहां अभि और प्रज्ञा एक दूसरे को खाना खिला रहे होंगे.
तभी तनु अभि को फोन करती है कि उसे घर आने में इतनी देर क्यों लग रही है, इस अभि उससे झूठ कहता है कि वह ट्रैफिक में फंसा है. इस पर प्रज्ञा उससे कहती है कि प्यार में झूठ के लिए जगह नहीं होती है. वह कहती है कि अभि को कभी प्रज्ञा से तो झूठ बोलने की जरूरत नहीं पड़ती.
अभि-तनु और पूरब-प्रज्ञा नए साल का जश्न मनाने एक रेस्टॉरेंट में पहुंचते हैं जहां अभि प्रज्ञा को निकिता कहने की बजाए प्रज्ञा कहकर बुलाता है. इससे तनु चौंक जाती है तो अभि उससे कहता है कि उसे पूरब ने प्रज्ञा का असली नाम बताया. इसके बाद प्रज्ञा तनु से कहती है कि वह अभि का प्यार वापस पाने के लिए कुछ भी करेगी. इसके बाद रेस्टॉरेंट में चारों एक गेम खेलते हैं जिसमें उन्हें एक पोस्टकार्ड पर अपने प्यार के बारे में लिखना होता है. अभि और प्रज्ञा हर सवाल का जवाब एक जैसा ही लिखते हैं.
दूसरी तरफ घर में दादी और दासी बेहद खुश होती हैं. दासी कहती हैं कि भले ही दुनिया के लिए तनु-अभि और पूरब-प्रज्ञा डेट पर गए हों लेकिन उनके लिए अभि और प्रज्ञा ही डेट पर गए हैं. यह सुनकर आलिया खाने की टेबल से उठ जाती है, जिसे ताना मारते हुए दासी कहती है कि वहां अभि और प्रज्ञा एक दूसरे को खाना खिला रहे होंगे.
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