'कॉफी विद करण' में सिद्धार्थ मल्होत्रा और जैकलीन फर्नांडिज.
नई दिल्ली:
करण जौहर के कॉफी चैट शो 'कॉफी विद करण' के इस सप्ताह के दोनों मेहमान जैकलीन फर्नांडिज और सिद्धार्थ मल्होत्रा एक दूसरे से एकदम अलग हैं. जैकलीन बेहद चुलबुली हैं जो हमेशा हंसती खिलखिलाती दिखती हैं तो वहीं सिद्धार्थ थोड़े गंभीर मिजाज़ के हैं, जो ज्यादातर शांत रहना पसंद करते हैं. (करीना कपूर के लिए सिद्धार्थ मल्होत्रा का सुझाव)
करण जौहर ने कहा कि उन्होंने कभी जैकलीन को दुखी या उदास नहीं देखा. वह हमेशा खुश रहती हैं, दोनों ने एक डांस रियलिटी शो को साथ में जज किया था जिसमें जैकलीन कम हंसे इसके लिए करण उन्हें चिकोटी काटते रहते थे ताकि उन्हें थोड़ा दर्द हो और वह थोड़ी शांत बैठे. सिद्धार्थ ने भी कहा कि उन्हें भी जैकलीन का हमेशा खुश रहना अच्छा लगता है पर इस बात के लिए उन्हें उनसे थोड़ी जलन भी होती है. (आलिया का नाम लेते वक्त लड़खड़ाए सिद्धार्थ)
इस बारे में बताते हुए जैकलीन ने कहा कि कई बार लोगों को लगता है कि मैं लोगों को रिझाने के लिए खुश रहने का नाटक करती हूं पर ऐसा नहीं है. हमेशा सकारात्मक बने रहना बेहद मुश्किल काम है लेकिन मेरे पापा कहते थे कि आप अपनी तकलीफें दूसरों पर थोप नहीं सकते इसलिए मैंने खुद को इस तरह से ढाला कि मैं हमेशा खुश और पॉजिटिव रहती हूं.
वहीं जब करण ने सिद्धार्थ से कहा कि वह जैकलीन से एकदम अपोजिट हैं. इस पर सिद्धार्थ ने कहा कि शायद यह उनकी परवरिश का असर है कि मुझे लोगों से घुलने-मिलने में थोड़ा टाइम लगता है, लेकिन करीबी लोगों के साथ मैं खुलकर बात करता हूं, हंसता हूं, मस्ती-पार्टी करता हूं, नहीं तो तभी बात करता हूं जब मुझसे कोई बात करे. हालांकि करण ने कहा कि सिद्धार्थ का यही नेचर उनकी ताकत बन सकती है, उनके साथ के ज्यादातर कलाकार बेहद एक्सप्रेसिव हैं वहीं वह एक साइलेंट, सीरियस टाइप के हैं. उनके टाइप के अभिनेताओं की इंडस्ट्री में काफी कमी है. इस पर जैकलीन ने कहा कि उन्हें ऐसे अभिनेता काफी आकर्षक लगते हैं.
करण जौहर ने कहा कि उन्होंने कभी जैकलीन को दुखी या उदास नहीं देखा. वह हमेशा खुश रहती हैं, दोनों ने एक डांस रियलिटी शो को साथ में जज किया था जिसमें जैकलीन कम हंसे इसके लिए करण उन्हें चिकोटी काटते रहते थे ताकि उन्हें थोड़ा दर्द हो और वह थोड़ी शांत बैठे. सिद्धार्थ ने भी कहा कि उन्हें भी जैकलीन का हमेशा खुश रहना अच्छा लगता है पर इस बात के लिए उन्हें उनसे थोड़ी जलन भी होती है. (आलिया का नाम लेते वक्त लड़खड़ाए सिद्धार्थ)
इस बारे में बताते हुए जैकलीन ने कहा कि कई बार लोगों को लगता है कि मैं लोगों को रिझाने के लिए खुश रहने का नाटक करती हूं पर ऐसा नहीं है. हमेशा सकारात्मक बने रहना बेहद मुश्किल काम है लेकिन मेरे पापा कहते थे कि आप अपनी तकलीफें दूसरों पर थोप नहीं सकते इसलिए मैंने खुद को इस तरह से ढाला कि मैं हमेशा खुश और पॉजिटिव रहती हूं.
वहीं जब करण ने सिद्धार्थ से कहा कि वह जैकलीन से एकदम अपोजिट हैं. इस पर सिद्धार्थ ने कहा कि शायद यह उनकी परवरिश का असर है कि मुझे लोगों से घुलने-मिलने में थोड़ा टाइम लगता है, लेकिन करीबी लोगों के साथ मैं खुलकर बात करता हूं, हंसता हूं, मस्ती-पार्टी करता हूं, नहीं तो तभी बात करता हूं जब मुझसे कोई बात करे. हालांकि करण ने कहा कि सिद्धार्थ का यही नेचर उनकी ताकत बन सकती है, उनके साथ के ज्यादातर कलाकार बेहद एक्सप्रेसिव हैं वहीं वह एक साइलेंट, सीरियस टाइप के हैं. उनके टाइप के अभिनेताओं की इंडस्ट्री में काफी कमी है. इस पर जैकलीन ने कहा कि उन्हें ऐसे अभिनेता काफी आकर्षक लगते हैं.
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