इरफान खान जल्द ही फिल्म 'हिंदी मीडियम' में नजर आएंगे.
नई दिल्ली:
राष्ट्रीय पुरस्कर विजेता फिल्मकार मधुर भंडारकर ने इरफान खान अभिनीत 'नो बेड ऑफ रोजेज' पर बांग्लादेश में प्रतिबंध को लेकर दुख जताया है. उन्होंने निर्माताओं के प्रति सहानुभूति जताई, जिनकी फिल्म 'कैलेंडर गर्ल्स' पाकिस्तान में प्रतिबंधित हो चुकी है. न्यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार भंडारकर ने सातवें राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव के दौरान संवाददाताओं से कहा, 'फिल्म 'कैलेंडर गर्ल्स' पाकिस्तान में प्रतिबंधित की जा चुकी है. हम उदारीकरण के बारे में बात कर रहे हैं, अभिव्यक्ति की आजादी के बारे में बात कर रहे हैं और दुनिया काफी बदल चुकी है. इरफान एक प्रतिभाशाली अभिनेता हैं और बांग्लादेश में उनके प्रशंसकों की संख्या भारत के समान ही है.'
आईएएनएस के अनुसार मधुर भंडारकर ने कहा, 'इस तरह के प्रतिबंध का सामना किए जाने पर निर्देशक मुस्तफा सरवर फारूकी सहित इरफान और फिल्म निर्माताओं के लिए मैं बहुत दुखी हूं.' फिल्म 'नो बेड ऑफ रोजेस' के बारे में कहा जा रहा है कि यह बांग्लादेशी लेखक और फिल्मकार हुमायूं अहमद के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने 27 सालों की शादी को तोड़ते हुए अपनी पत्नी को तलाक देकर उम्र में 33 साल छोटी एक अभिनेत्री से शादी रचा ली.
हालांकि फिल्मकार मुस्तफा सरवर फारूकी ने इस बात का खंडन किया कि यह फिल्म एक बायोपिक है. भंडारकर ने कहा कि उन्हें फिल्म की कहानी नहीं पता, लेकिन सेंसर से पास होने के बाद फिल्म को प्रतिबंधित नहीं करना चाहिए.
इरफान ने इस फिल्म में जावेद हसन नामक ऐसे व्यक्ति का किरदार निभाया है जो पत्नी को तलाक देता है और अपनी बेटी की सहपाठी रही अभिनेत्री से विवाह करता है. न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, इरफान ने कहा, 'मुझे जानकार हैरानी हुई कि बांग्लादेश की सरकार ने फिल्म को प्रतिबंधित कर दिया है. यह एक मानवीय कहानी है जो पुरूष और स्त्री के बीच के संबंध को दर्शाती है. अगर इसे दिखाया जाएगा तो समाज को इससे क्या नुकसान होगा?'
(इनपुट एजेंसियों से भी)
आईएएनएस के अनुसार मधुर भंडारकर ने कहा, 'इस तरह के प्रतिबंध का सामना किए जाने पर निर्देशक मुस्तफा सरवर फारूकी सहित इरफान और फिल्म निर्माताओं के लिए मैं बहुत दुखी हूं.' फिल्म 'नो बेड ऑफ रोजेस' के बारे में कहा जा रहा है कि यह बांग्लादेशी लेखक और फिल्मकार हुमायूं अहमद के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने 27 सालों की शादी को तोड़ते हुए अपनी पत्नी को तलाक देकर उम्र में 33 साल छोटी एक अभिनेत्री से शादी रचा ली.
हालांकि फिल्मकार मुस्तफा सरवर फारूकी ने इस बात का खंडन किया कि यह फिल्म एक बायोपिक है. भंडारकर ने कहा कि उन्हें फिल्म की कहानी नहीं पता, लेकिन सेंसर से पास होने के बाद फिल्म को प्रतिबंधित नहीं करना चाहिए.
इरफान ने इस फिल्म में जावेद हसन नामक ऐसे व्यक्ति का किरदार निभाया है जो पत्नी को तलाक देता है और अपनी बेटी की सहपाठी रही अभिनेत्री से विवाह करता है. न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, इरफान ने कहा, 'मुझे जानकार हैरानी हुई कि बांग्लादेश की सरकार ने फिल्म को प्रतिबंधित कर दिया है. यह एक मानवीय कहानी है जो पुरूष और स्त्री के बीच के संबंध को दर्शाती है. अगर इसे दिखाया जाएगा तो समाज को इससे क्या नुकसान होगा?'
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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