यह ख़बर 31 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

काश, मैंने उर्दू सीखी होती : नरगिस फाखरी

खास बातें

  • अभिनेत्री नरगिस फाखरी कहती हैं कि बॉलीवुड में सामंजस्य बिठाने के लिए वह हर रोज हिन्दी बोलने का अभ्यास करती हैं। उन्होंने कहा कि काश उन्होंने बचपन में ही उर्दू भी सीख ली होती।
मुंबई:

अभिनेत्री नरगिस फाखरी कहती हैं कि बॉलीवुड में सामंजस्य बिठाने के लिए वह हर रोज हिन्दी बोलने का अभ्यास करती हैं। उन्होंने कहा कि काश उन्होंने बचपन में ही उर्दू भी सीख ली होती।

अपनी पहली फिल्म 'रॉकस्टार' से पहले नरगिस न्यूयार्क में रह रही थीं। अब उनकी दूसरी फिल्म 'मद्रास कैफे' प्रदर्शन के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा, मैं हर दिन अभ्यास करती हूं और हर दिन खुद में सुधार लाती हूं। बॉलीवुड में सामंजस्य बिठाने के लिए मैं जितनी हो सके मेहनत कर रही हूं। मैंने हिन्दी पढ़ना और लिखना सीख लिया है। बेहतर तरीके से हिन्दी समझ पाने के लिए मैं हिन्दी फिल्में देखती हूं। काश मैंने बचपन में ही उर्दू भी सीख ली होती।

पहली फिल्म 'रॉकस्टार' और 'मद्रास कैफे' में काम करना शुरू करने के बीच की अवधि में नरगिस फिल्मों की पटकथाएं पढ़ने और यात्राएं करने में व्यस्त थीं।

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उन्होंने कहा, मैं फिल्मों की पटकथाएं पढ़ रही थी। इसके अलावा नृत्य और हिन्दी सीखने की कक्षाएं ले रही थी। इस बीच अपने परिवार से मिलने के लिए यात्राओं में व्यस्त रही। पूरे साजो सामान के साथ न्यूयार्क से मुंबई आने में भी समय लगा। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा ऐसी फिल्में करना चाहूंगी, जिन्हें एक दर्शक के रूप में खुद देखना चाहती हूं।