केंद्र सरकार द्वारा पुणे स्थित फिल्म एवं टेलीविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई - FTII) के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किए जाने के बाद से ही विरोध का निशाना बने और सॉफ्ट पोर्न फिल्मों में काम करने के आरोपों का सामना कर रहे अभिनेता गजेंद्र चौहान ने एनडीटीवी से कहा, "मैंने सेंसर प्रमाणपत्र हासिल करने वाली वयस्क फिल्मों (एडल्ट फिल्मों) में काम किया है, सॉफ्ट पोर्न फिल्मों में नहीं..."
भारतीय टीवी के इतिहास के सबसे चर्चित धारावाहिकों में से एक बीआर चोपड़ा कृत 'महाभारत' में पांडवराज युधिष्ठिर की भूमिका निभाकर पहचान बनाने वाले गजेंद्र का कहना था, "मैं 'सक्षम' हूं, लेकिन पूर्वाग्रह से ग्रसित विचारों की वजह से मेरा गलत आकलन किया गया... मेरा आकलन उन फिल्मों से नहीं किया जाना चाहिए..."
दरअसल, अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के बाद से ही आलोचनाओं और विरोध का सामना कर रहे गजेंद्र पर सबसे बड़ा आरोप इन्हीं फिल्मों को लेकर लगाया जा रहा है, और कहा जा रहा है कि देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान के प्रमुख पद इस तरह के अभिनेता को बिठाया जाना गलत है।
वैसे, उनके आलोचकों में फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' के लिए सर्वश्रेष्ठ साउंड मिक्सिंग का ऑस्कर पुरस्कार जीतने वाले तथा एफटीआईआई के पूर्व छात्र रेसुल पुक्कुटी भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने कहा, "मेरे खयाल से यह धोखा है... एक सरकार अपने लोगों को धोखा नहीं दे सकती... मेरे हिसाब से यह एक राजनैतिक नियुक्ति है, और इसमें किसी शैक्षिक योग्यता का भी ध्यान नहीं रखा गया..."
भारतीय टीवी के इतिहास के सबसे चर्चित धारावाहिकों में से एक बीआर चोपड़ा कृत 'महाभारत' में पांडवराज युधिष्ठिर की भूमिका निभाकर पहचान बनाने वाले गजेंद्र का कहना था, "मैं 'सक्षम' हूं, लेकिन पूर्वाग्रह से ग्रसित विचारों की वजह से मेरा गलत आकलन किया गया... मेरा आकलन उन फिल्मों से नहीं किया जाना चाहिए..."
दरअसल, अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के बाद से ही आलोचनाओं और विरोध का सामना कर रहे गजेंद्र पर सबसे बड़ा आरोप इन्हीं फिल्मों को लेकर लगाया जा रहा है, और कहा जा रहा है कि देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान के प्रमुख पद इस तरह के अभिनेता को बिठाया जाना गलत है।
वैसे, उनके आलोचकों में फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' के लिए सर्वश्रेष्ठ साउंड मिक्सिंग का ऑस्कर पुरस्कार जीतने वाले तथा एफटीआईआई के पूर्व छात्र रेसुल पुक्कुटी भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने कहा, "मेरे खयाल से यह धोखा है... एक सरकार अपने लोगों को धोखा नहीं दे सकती... मेरे हिसाब से यह एक राजनैतिक नियुक्ति है, और इसमें किसी शैक्षिक योग्यता का भी ध्यान नहीं रखा गया..."
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