यह ख़बर 21 अक्टूबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

अब की फिल्मों में शास्त्रीय नृत्य की कमी : हेमा

खास बातें

  • हेमा ने बातचीत के दौरान कहा, मैं फिल्मों में शास्त्रीय नृत्य की कमी महसूस करती हूं लेकिन मैं इसे शामिल नहीं कर सकती। इसे कौन देखेगा?
New Delhi:

फिल्म तारिका हेमा मालिनी एक प्रशिक्षित भतरनाट्यम नृत्यांगना भी हैं। फिल्मों में उनके नृत्य को दर्शकों की काफी सराहना मिली है। हेमा कहती हैं कि उन्हें आजकल की फिल्मों में शास्त्रीय नृत्य की गैरमौजूदगी खलती है। हेमा ने बातचीत के दौरान कहा, "मैं फिल्मों में शास्त्रीय नृत्य की कमी महसूस करती हूं लेकिन मैं इसे शामिल नहीं कर सकती। इसे कौन देखेगा। आजकल के दर्शक 'मुन्नी बदनाम', 'शीला की जवानी' और 'जलेबी बाई' जैसे गीतों पर नृत्य पसंद करते हैं। यहां तक कि निर्माता भी शास्त्रीय नृत्य पर कभी कोई फिल्म नहीं बनाएंगे।" उन्होंने कहा, "अब के गीतों में बहुत भद्दापन होता है। मुझे यह बिल्कुल पसंद नहीं है।" हेमा ने अपनी नृत्य कला को खुद तक ही सीमित नहीं रखा है। उनकी दोनों बेटियां ईशा व आहना देओल भी निपुण भरतनाट्यम नृत्यांगनाएं हैं। वे तोनों कई बार साथ में मंच पर प्रस्तुति दे चुकी हैं। वैसे हेमा को नृत्य रिएलिटी शो पसंद हैं। वह मानती हैं कि इस तरह के शो लोगों को अपनी कला के प्रदर्शन का मंच देने में मदद करते हैं। वह शास्त्रीय नृत्य को समर्पित इसी तरह का कोई कार्यक्रम चाहती हैं लेकिन इसे लेकर आशंका में हैं। वह कहती हैं, "मैं एक ऐसा कार्यक्रम बनाना चाहती हूं जिसमें भरतनाट्यम, ओडीशी सहित सभी शास्त्रीय नृत्य शामिल हों लेकिन समय बदल गया है। हम कुछ नहीं कर सकते क्योंकि टेलीविजन निर्माता भी इस तरह के कार्यक्रम पसंद नहीं करते। मुझे किसी भी चैनल से इसके लिए समर्थन नहीं मिलता।" हेमा एक अच्छी अभिनेत्री व नृत्यांगना के साथ निर्देशक व निर्माता भी हैं। बतौर निर्माता-निर्देशक उनकी पहली फिल्म 1992 में आई 'दिल आशना है' थी। फिल्म में शाहरुख खान ने मुख्य भूमिका निभाई थी। अब 19 साल बाद उन्होंने एक और फिल्म 'टेल मी ओ खुदा' का निर्देशन किया है। ईशो देओल, अर्जन बाजवा, धर्मेद्र, ऋषि कपूर और विनोद खन्ना ने इसमें मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं।


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