फिल्म ग्रैंड मस्ती की एक तस्वीर
नई दिल्ली:
केंद्र और सेंसर बोर्ड ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि बॉलीवुड फिल्म ‘ग्रैंड मस्ती’ पर 218 बार कैंची चलाई गई और फिर उसे निर्बाध सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए पुनर्प्रमाणित किया गया।
केंद्र सरकार और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की ओर से मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ के सामने दायर हलफनामे में यह जानकारी दी गई। पीठ टीवी पर इस फिल्म के प्रदर्शन पर स्थगन की मांग संबंधी एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।
मीडिया ग्रुप के आवेदन पर हुई सुनवाई
अदालत एक मीडिया ग्रूप के आवेदन पर भी सुनवाई कर रही है जिसमें उसने अपने एक चैनल पर इस फिल्म को प्रदर्शित करने की इजाजत मांगी है। उच्च न्यायालय ने 21 अगस्त को इस फिल्म के टीवी पर प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी।
पीठ ने हलफनामे तथा सरकार, सीबीएफसी, मीडिया नेटवर्क और याचिकाकर्ता इदारा गोपी चंद की दलीलें गौर करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। केंद्र सरकार के वकील विवेक गोयल के माध्यम से दायर संयुक्त हलफनामे में सीबीएफसी ने कहा है कि इस फिल्म पर 218 बार कैंची चलाने के बाद जनवरी में उसे पुनर्प्रमाणित किया गया। अब यह फिल्म 135 मिनट से घटकर 98 मिनट की रह गई है।
केंद्र सरकार और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की ओर से मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ के सामने दायर हलफनामे में यह जानकारी दी गई। पीठ टीवी पर इस फिल्म के प्रदर्शन पर स्थगन की मांग संबंधी एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।
मीडिया ग्रुप के आवेदन पर हुई सुनवाई
अदालत एक मीडिया ग्रूप के आवेदन पर भी सुनवाई कर रही है जिसमें उसने अपने एक चैनल पर इस फिल्म को प्रदर्शित करने की इजाजत मांगी है। उच्च न्यायालय ने 21 अगस्त को इस फिल्म के टीवी पर प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी।
पीठ ने हलफनामे तथा सरकार, सीबीएफसी, मीडिया नेटवर्क और याचिकाकर्ता इदारा गोपी चंद की दलीलें गौर करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। केंद्र सरकार के वकील विवेक गोयल के माध्यम से दायर संयुक्त हलफनामे में सीबीएफसी ने कहा है कि इस फिल्म पर 218 बार कैंची चलाने के बाद जनवरी में उसे पुनर्प्रमाणित किया गया। अब यह फिल्म 135 मिनट से घटकर 98 मिनट की रह गई है।
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