विज्ञापन
This Article is From Jun 24, 2016

संगीत और अभिनय अच्छा, पर खुद को दोहरा रहे हैं नवाज़ 'रमन राघव 2.0' में

संगीत और अभिनय अच्छा, पर खुद को दोहरा रहे हैं नवाज़ 'रमन राघव 2.0' में
मुंबई: इस शुक्रवार रिलीज़ हुई फिल्मों में से एक है अनुराग कश्यप की 'रमन राघव 2.0', जिसमें मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, विक्की कौशल, अमृता सुभाष और शोभिता धुलिपाला ने। फिल्म को लिखा है खुद अनुराग और वसन बाला ने। प्रोड्यूस किया है फैन्टम फिल्म्स ने। रमन राघव, '60 के दशक के सीरियल किलर पर आधारित फिल्म है। यह बताना ज़रूरी है कि फिल्म रमन राघव की जीवनी नहीं है। सीरियल किलर से प्रेरित फिल्म है, तो ज़ाहिर है, फिल्म में एक के बाद एक हत्याएं भी होंगी, और इन हत्याओं के पीछे कोई बदले की भावना नहीं, सिर्फ सनक है। फिल्म में दूसरी ओर है एक पुलिस अफ़सर, जिसके क़िरदार में हैं विक्की कौशल, जिनके खुद के कई नेगेटिव शेड्स हैं। फिल्म की कहानी में अपराधी को पकड़ने जैसे ही पुलिस निकलती है, यह साफ़ होता जाता है कि निर्देशक अनुराग कश्यप एक अपराधी और एक पुलिस अफ़सर के क़िरदार की तुलना भी कर रहे हैं। यानी फिल्म में बताया जाता है कि दोनों क़िरदारों में ज़्यादा फ़र्क नहीं है सिवाय वर्दी के...

तो यह थी फिल्म की कहानी की ज़रा-सी झलक... अब बात करते हैं फिल्म की ख़ामियों और ख़ूबियों की।

फिल्म में रमन, यानी नवाज़ के क़िरदार और उसकी सोच को दर्शकों तक पहुंचाने में फिल्म बहुत समय ले लेती है और एक के बाद एक बिना कारण हो रही हत्याएं दर्शकों के मन या दिमाग में कोई हलचल पैदा नहीं करतीं। एक सीरियल किलर के पास न रहने को जगह है, न खाने का इंतज़ाम, लेकिन उसकी इस हालत पर दर्शकों को दया आनी मुश्किल है। फिल्म में झकझोरने वाले लम्हे के इंतज़ार में इंटरवल आ जाता है।

हां, इंटरवल के बाद कहानी का रुख़ ज़रा बदला-सा लगा। समझ आया कि निर्देशक किस ओर इशारा कर रहे हैं। यानी पुलिस अफ़सर और एक अपराधी की तुलना, हालांकि इसमें भी कुछ नयापन नहीं लगा।

'बदलापुर' भी कुछ हद तक यही कहने की कोशिश कर रही थी... ड्रग्स, पुलिस अफ़सर की गर्लफ्रेंड और उनका रिश्ता, क़ानून का रखवाला ही ग़ैरकानूनी कामों में लिप्त जैसे कुछ उतार-चढ़ाव... पर कुल मिलाकर यह कहानी और स्क्रीनप्ले दर्शकों की रुचि बनाए रखने में नाकाम साबित हो सकते हैं।

ख़ूबियों की बात करें तो फिल्म की सिनेमेटोग्राफ़ी अच्छी है। राम संपथ का संगीत अच्छा है, जो फिल्म के नैरेटिव को सशक्त करता है। विक्की कौशल की एक्टिंग अच्छी है, लेकिन उनके क़िरदार को और सटीक बनाने की ज़रूरत थी।

नवाज़ फिल्म में ठीक हैं, पर मुश्किल यह है कि वह ख़ुद को बार-बार एक जैसा दिखा रहे हैं। 'बदलापुर' और 'किक' जैसी फिल्मों में भी उन्होंने वही किया था, जो यहां करते दिखे। उन्हें ख़ुद को दोहराने से बचना चाहिए। और आख़िरी अच्छाई फिल्म की है इसका क्लाइमैक्स। वैसे ध्यान रहे, पूरी फिल्म की तुलना में क्लाइमैक्स अच्छा लगा, नया या अलग नहीं।

बात करूं खुद के विचार की, तो कान्स में फिल्म को सराहना मिली, लोगों ने खड़े होकर तालियां बजाईं, पर बतौर दर्शक फिल्म देखने के बाद मेरे मन में सवाल उठते हैं कि क्या किसी भी फिल्म पर की गई मेहनत की सराहना के लिए यह कान्स फिल्मोत्सव का रिवाज है या फिर फिल्म मेरे ऊपर से ही निकल गई। इसका जवाब शायद बॉक्स ऑफ़िस कलेक्शन दे पाए। वैसे अच्छी फिल्मों का नाता कई बार बॉक्स ऑफ़िस से भी नहीं होता। ख़ैर, फिल्म का कलेक्शन कुछ भी हो, मेरी ओर से फिल्म को 2.5 स्टार...

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
रमन राघव 2.0, नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, अनुराग कश्यप, विक्की कौशल, फिल्म समीक्षा, फिल्म रिव्यू, Raman Raghav 2.0, Nawazuddin Siddiqui, Aunrag Kashyap, Vicky Kaushal, Film Review, Movie Review
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com