मुंबई:
इस हफ्ते रिलीज़ हुई फिल्मों में से एक है 'माज़ी', जिसका अर्थ होता है भूतकाल... 'माज़ी' के निर्देशक हैं जयदीप चोपड़ा, और इस फिल्म से बॉलीवुड में कदम रख रही हैं मोना वासु, जिन्हें आप छोटे पर्दे पर देख चुके हैं... 'माज़ी' में मोना वासु के साथ हैं सुमीत निझावन, जो फिल्म के को−राइटर भी हैं... इनके अलावा 'माज़ी' में पंकज त्रिपाठी और ज़ाकिर हुसैन जैसे एक्टर भी हैं... 'माज़ी' कहानी है तरुण सिंह की, जो अपनी पत्नी और बच्ची के साथ एक शांत और खुशहाल ज़िन्दगी बिता रहा है और उनकी फूलों की एक दुकान है... तरुण शांत स्वभाव का इंसान है, लेकिन उसके साथ ऐसा कुछ घटता है, कि उसकी ज़िन्दगी एक अलग ही रास्ते पर चली जाती है... ज़्यादा जानने के लिए फिल्म देखनी होगी...
अब मैं इस फिल्म के बारे में कहना चाहूंगा कि जयदीप चोपड़ा, जो फिल्म के निर्माता भी हैं, ने एक ईमानदार कहानी को ईमानदार तरीके से कहने की कोशिश की है... बतौर निर्देशक वह अपनी पहली फिल्म को मसाला फिल्म भी बना सकते थे, लेकिन उन्होंने एक ऐसी कहानी चुनी, जो मनोरंजन के साथ-साथ संदेश भी देती है...
मोना वासु का अभिनय अच्छा है... सुमीत निझावन की एक्टिंग से ज़्यादा लेखक के तौर पर उनकी तारीफ करना चाहूंगा... बतौर एक्टर अभी उन्हें खुद पर काम करने की ज़रूरत है, लेकिन उनकी अच्छी बात यह है कि पूरी फिल्म में वह ओवर-एक्टिंग कहीं नहीं करते... पंकज त्रिपाठी, ज़ाकिर हुसैन, जीशान और मानव कौशिक भी अपने अभिनय से छाप छोड़ते हैं...
फिल्म की स्क्रिप्ट अच्छी है, लेकिन आइटम सॉन्ग और गानों से बचा जा सकता था, क्योंकि ये फिल्म की गति को धीमा कर देते हैं... फिल्म की कहानी आपको बांधे रखती है और कहानी के कई मोड़ आपको चौंका देते हैं... निर्देशक के रूप में जयदीप और मुख्य भूमिका में सुमीत को अपने किरदार के ग्राफ पर थोड़ा और काम करना चाहिए था... कुल मिलाकर 'माज़ी' एक मनोरंजक थ्रिलर है, जो एक अच्छा संदेश भी देती है... मेरी ओर से 'माज़ी' की रेटिंग है - 3 स्टार...
अब मैं इस फिल्म के बारे में कहना चाहूंगा कि जयदीप चोपड़ा, जो फिल्म के निर्माता भी हैं, ने एक ईमानदार कहानी को ईमानदार तरीके से कहने की कोशिश की है... बतौर निर्देशक वह अपनी पहली फिल्म को मसाला फिल्म भी बना सकते थे, लेकिन उन्होंने एक ऐसी कहानी चुनी, जो मनोरंजन के साथ-साथ संदेश भी देती है...
मोना वासु का अभिनय अच्छा है... सुमीत निझावन की एक्टिंग से ज़्यादा लेखक के तौर पर उनकी तारीफ करना चाहूंगा... बतौर एक्टर अभी उन्हें खुद पर काम करने की ज़रूरत है, लेकिन उनकी अच्छी बात यह है कि पूरी फिल्म में वह ओवर-एक्टिंग कहीं नहीं करते... पंकज त्रिपाठी, ज़ाकिर हुसैन, जीशान और मानव कौशिक भी अपने अभिनय से छाप छोड़ते हैं...
फिल्म की स्क्रिप्ट अच्छी है, लेकिन आइटम सॉन्ग और गानों से बचा जा सकता था, क्योंकि ये फिल्म की गति को धीमा कर देते हैं... फिल्म की कहानी आपको बांधे रखती है और कहानी के कई मोड़ आपको चौंका देते हैं... निर्देशक के रूप में जयदीप और मुख्य भूमिका में सुमीत को अपने किरदार के ग्राफ पर थोड़ा और काम करना चाहिए था... कुल मिलाकर 'माज़ी' एक मनोरंजक थ्रिलर है, जो एक अच्छा संदेश भी देती है... मेरी ओर से 'माज़ी' की रेटिंग है - 3 स्टार...
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