आज रिलीज़ हुई है अभिषेक चौबे की फिल्म 'डेढ़ इश्किया', जो 'इश्किया' का सीक्वेल है... फिल्म की स्टार कास्ट में नसीरुद्दीन शाह और अरशद वारसी शामिल हैं, जो 'इश्किया' में भी थे - खालू और बब्बन के किरदार में - लेकिन इस बार कास्ट में माधुरी दीक्षित भी शामिल हुई हैं, जिनकी 'डेढ़ इश्किया' कमबैक फिल्म कही जा रही है... उनके साथ ही 'डेढ़ इश्किया' में हुमा कुरैशी, विजय राज और मनोज पाहवा भी हैं...
'इश्किया' की कहानी शायद आपको याद होगी... सो ज़ाहिर है, 'डेढ़ इश्किया' से भी लोगों की उम्मीद थी होगी कि बब्बन और खालू कुछ नए गुल खिलाएंगे और ठीक ऐसा ही हुआ... 'डेढ़ इश्किया' मुझे 'इश्किया' से बेहतर लगी... कहानी कुछ अलग या अनोखी नहीं है, लेकिन स्क्रिप्ट इसे पुख्ता तरीके से पेश करती है... स्क्रीनप्ले और डायलॉग आप पर जबरदस्त असर छोड़ सकते हैं...
नसीरुद्दीन शाह और अरशद वारसी की परफॉरमेंस और जुगलबंदी कमाल की है... मुझे लगता है कि 'इश्किया' में मौजूद रहे किरदार भी इस फिल्म में पहले से बेहतर नज़र आते हैं... फिल्म में जहां-जहां कॉमेडी है, वह ठहराव के साथ सहज रूप में नज़र आती है... जो लोग बेमतलब की कॉमेडी से परेशान हैं, शायद उनके लिए 'डेढ़ इश्किया' राहत भरी हो सकती है...
माधुरी दीक्षित कोई गहरा असर फिल्म में नहीं छोड़ पातीं, लेकिन हुमा कुरैशी की परफॉरमेंस अच्छी है... विजय राज और मनोज पाहवा पर्दे पर एक अलग और अच्छा असर छोड़ पाते हैं...
फिल्म के पहले भाग, यानि इंटरवल से पहले उर्दू का इस्मेताल काफी है, जो शायद बहुत-से लोगों को पसंद न आए, लेकिन मुझे अच्छा लगा... हालांकि फिल्म में सब-टाइटल हैं, सो, समझने में दिक्कत नहीं होगी... 'हमरी अटरिया पे...' गाना अच्छा है, और माधुरी का डांस भी, लेकिन हुमा कुरैशी की परफॉरमेंस माधुरी से बेहतर है...
अब खामियों की बात करें तो पहली बात यह है कि फिल्म थोड़ी लंबी है... दूसरी बात, 'हमरी अटरिया पे...' को छोड़कर बाकी गाने अपना असर नहीं छोड़ पाते और तीसरी बात, फिल्म में माधुरी दीक्षित और नसीरुद्दीन शाह के किरदारों का एक अतीत दिखाया गया है, जो शायद आपको थोड़ा अटपटा लगे, लेकिन फिल्म की खूबसूरती में शायद आप इसे भुला पाएंगे...
कुल मिलाकर 'डेढ़ इश्किया' बेहतरीन फिल्म है, और इस फिल्म के लिए मेरी रेटिंग है 4 स्टार...
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