
इमरजेंसी के दौरान रिलीज़ से रोकी गई फ़िल्म 'क़िस्सा कुर्सी का' दोबारा रिलीज़ होगी। सरकार पर फ़िल्म 'किस्सा कुर्सी का' के निगेटिव्ज़ और प्रिंट्स जलाने के आरोप लगे थे। फ़िल्म के निर्माता और पूर्व सांसद अमृत नाहटा के बेटे राकेश नाहटा अब दोबारा से वह फ़िल्म बनाने जा रहे हैं।
राकेश नाहटा के मुताबिक, सेंसर बोर्ड के फ़िल्म पास ना करने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित था। राकेश दावा करते हैं कि बावजूद इसके दिल्ली से संजय गांधी और तत्कालीन सूचना-प्रसारण मंत्री विद्याचरण शुक्ल के निर्देश पर काम कर रही एक टीम ने छापा मारा और इस फ़िल्म के निगेटिव्ज़ ले जाकर जला दिए। वहीं इस संबंध में दायर एक आरटीआई से भी यह साफ़ हो चुका है कि 1975 में रिलीज़ के लिए तैयार इस फिल्म के निगेट्विस जलाए जा चुके हैं।
राकेश नाहटा ने अब खत लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है कि मौजूदा सरकार उन्हें फ़िल्म के निगेटिव्ज़ और प्रिंट्स दिलवाए या फिर आर्थिक क्षति और मानसिक यंत्रणा के लिए मुआवज़ा दे। राकेश किसी तरह की राहत ना मिलने पर एक सप्ताह के इंतज़ार के बाद सुप्रीम कोर्ट जाने का मन भी बना चुके हैं।
वहीं 1978 में कई कट्स के साथ 'किस्सा कुसी का' पार्ट-2 तो रिलीज़ हुई पर पूर्व सांसद और फिल्मकार अमृत नाहटा आज़ादी से अपनी बात नहीं रख पाए। अमृत नाहटा के देहांत के बाद अब उनके बेटे उनके लिखे स्क्रिप्ट पर 'किस्सा कुसी का' पार्ट-3 बनाएंगे, जिसमें इमरजेंसी के दौरान की ज्यादतियों और राजनीतिक भ्रष्टाचार के राज़ खुलने के दावे किए जा रहे हैं।
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