फरहान अख्तर (फाइल फोटो)
मुंबई:
निर्माता, निर्देशक, लेखक, गायक और अभिनय, ये सब गुण मिलाकर बनते हैं फ़रहान अख़्तर। फ़रहान ने 2001 की फ़िल्म 'दिल चाहता है' के साथ बतौर लेखक और निर्देशक बॉलीवुड में कदम रखा था। मगर अब वह निर्देशन को दरकिनार कर केवल अभिनय में लगे हुए हैं।
सिर्फ़ अभिनय पर फ़रहान की नज़र होने का कारण बताते हुए वह कहते हैं कि उनके पास अलग अलग तरह के किरदार और फिल्मों का ऑफर आता रहा है। फ़रहान ने कहा कि इन दिनों मेरे पास अलग अलग तरह के किरदार आ रहे हैं और बेहतरीन भूमिकाएं निभाने का मौक़ा मिल रहा है इसलिए मैं अभिनय में लगा हूं और निर्देशन की तरफ़ ध्यान नहीं दे पा रहा हूं।"
फ़रहान ने ये भी कहा कि ऐसा नहीं है की मैं फ़िल्म डायरेक्ट नहीं करूंगा या छोड़ चुका हूं मगर अभिनय से समय नहीं मिल पा रहा है। भविष्य में जैसे कुछ अच्छा नज़र आएगा मैं फ़िल्म का निर्देशन करूंगा।
आपको बता दें कि फ़रहान ने बतौर निर्देशक फ़िल्म 'दिल चाहता है' से बॉलीवुड में क़दम रखा। बाद में फ़िल्म 'लक्ष्य' बनाई। 'डॉन' का रीमेक बनाया मगर फ़िल्म रॉकऑन से अभिनय में गायकी में कदम रखने के बाद फ़रहान लगातार अभिनय करने लगे। फ़रहान की आख़री निर्देशित फ़िल्म थी 'डॉन 2'।
सिर्फ़ अभिनय पर फ़रहान की नज़र होने का कारण बताते हुए वह कहते हैं कि उनके पास अलग अलग तरह के किरदार और फिल्मों का ऑफर आता रहा है। फ़रहान ने कहा कि इन दिनों मेरे पास अलग अलग तरह के किरदार आ रहे हैं और बेहतरीन भूमिकाएं निभाने का मौक़ा मिल रहा है इसलिए मैं अभिनय में लगा हूं और निर्देशन की तरफ़ ध्यान नहीं दे पा रहा हूं।"
फ़रहान ने ये भी कहा कि ऐसा नहीं है की मैं फ़िल्म डायरेक्ट नहीं करूंगा या छोड़ चुका हूं मगर अभिनय से समय नहीं मिल पा रहा है। भविष्य में जैसे कुछ अच्छा नज़र आएगा मैं फ़िल्म का निर्देशन करूंगा।
आपको बता दें कि फ़रहान ने बतौर निर्देशक फ़िल्म 'दिल चाहता है' से बॉलीवुड में क़दम रखा। बाद में फ़िल्म 'लक्ष्य' बनाई। 'डॉन' का रीमेक बनाया मगर फ़िल्म रॉकऑन से अभिनय में गायकी में कदम रखने के बाद फ़रहान लगातार अभिनय करने लगे। फ़रहान की आख़री निर्देशित फ़िल्म थी 'डॉन 2'।
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